Budget 2023: कोरोना महामारी पर काबू पाने के बाद पेश हो रहे इस बजट से आम आदमी से लेकर खास तक काफी उम्मीदें हैं. इस बार उम्मीद की जा रही है कि नौकरी क्लॉस की आयकर पर सालों पुरानी मांग पूरी हो सकती है.
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की तरफ से बुधवार को देश का आम बजट पेश किया जाएगा. इस बार के बजट में सरकार के सामने महंगाई को नियंत्रित करने की सबसे बड़ी चुनौती है. कोरोना महामारी पर काबू पाने के बाद पेश हो रहे इस बजट से आम आदमी से लेकर खास तक काफी उम्मीदें हैं. इस बार उम्मीद की जा रही है कि नौकरी क्लॉस की आयकर पर सालों पुरानी मांग पूरी हो सकती है. इसके अलावा किसानों को भी पीएम किसान की धनराशि बढ़ाने और क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाये जाने की उम्मीद है. आइए जानते बजट से आम आदमी की 10 बड़ी उम्मीदों के बारे में.
इनकम टैक्स से राहत की उम्मीद
पिछले कई बजट से आयकर छूट पर सैलरीड क्लॉस की उम्मीदों को झटका लग रहा है. इस बार इनकम टैक्स छूट का दायरा बढ़ाने की उम्मीद नौकरीपेशा के साथ छोटे कारोबारियों को भी है. पिछले नौ साल से इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. साल 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्सी की बेसिक छूट को 2 लाख से बढ़ाकर ढाई लाख कर दिया था. इस बार टैक्स पेयर्स को बेसिक छूट ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किये जाने की उम्मीद है. इस बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को होगा.
बढ़ सकती है 80C की लिमिट
आयकर की धारा 80C की लिमिट में भी पिछले काफी समय से बदलाव नहीं हुआ है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि इस बार सेक्शन 80C की लिमिट डेढ़ लाख से बढ़कर दो लाख की जा सकती है. सरकार की तरफ से फिलहाल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आयकर से छूट मिलती है. जानकारों का मानना है कि 80C में जरूरत से ज्यादा टैक्स विकल्पों की भरमार है, ऐसे में इसके तहत निवेश की लिमिट बढ़ाई जानी जरूरी है.
होम लोन प्रिंसिपल पर बढ़ेगी आयकर छूट?
साल 2022 के बजट में वित्त मंत्री ने आयकर की धारा 80EEA के तहत ब्याज पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट को खत्म कर दिया था. अब केवल धारा 24B के तहत होम लोन के ब्याज पर दो लाख रुपये की छूट मिलती है. इस बार उम्मीद है कि रियलएस्टेट सेक्टर को बूम देने के लिए सरकार सेक्शन 24B के तहत लिमिट बढ़ा सकती है. रियल एस्टेट सेक्टर की मांग है कि होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर 80सी से अलग छूट दी जानी चाहिए.
पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ने की उम्मीद
लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट के कारण और किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से वित्त मंत्री पीएम किसान निधि की राशि 6000 से बढ़ाकर 8000 रुपये तक कर सकती है. तमाम मीडिया रिपोर्ट में भी यह दावा किया गया है. यदि ऐसा होता है तो किसानों को हर तीन महीने पर 2000 रुपये की किस्त मिलेगी.
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ेगी!
सूत्रों की मानें तो सरकार की तरफ से इस बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट बढ़ाई जा सकती है. फिलहाल किसानों को केसीसी के माध्मय से 3 लाख रुपये तक का लोन 7 प्रतिशत सालाना ब्याज पर मिलता है. सरकार की तरफ से किसान क्रेडिट कार्ड को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार इसकी लिमिट बढ़ाई जाएगी.
वर्क फ्रॉम होम अलाउंस
पिछले करीब तीन साल से तमाम कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी लागू की गई है. हालांकि कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाना शुरू कर दिया है. वर्क फ्रॉम होम होने से कर्मचारी का बिजली, फर्नीचर, ब्राडबैंड आदि का खर्च बढ़ गया है. पिछले साल भी नौकरीपेशा की तरफ से वर्क फ्रॉम होम अलाउंस देने की मांग की गई थी.
NPS पर टैक्स छूट बढ़ने के आसार
सरकार NPS को लगातार बढ़ावा दे रही है, ऐसे में उम्मीद है कि इस बार वित्त मंत्री नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश पर 80CCD(1B) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है. फिलहाल NPS में निवेश पर 50,000 रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है. यह छूट 80C के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की छूट के अलावा है. यानी यदि आप इसमें निवेश करते हैं तो आपको कुल 2 लाख रुपये की छूट मिलती है.
पीपीएफ की लिमिट बढ़ने की उम्मीद
एक्सपर्ट की तरफ से वित्त मंत्री को सुझाव दिया गया है कि पीपीएफ में निवेश की अधिकतम सीमा को 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करना चाहिए. जानकारों का कहना है कि यह सैलरीड क्लॉस के साथ ही छोटे कारोबारियों के लिए निवेश की अच्छी स्कीम है. ऐसे में इसमें लिमिट को बढ़ाना चाहिए. पीपीएफ में निवेश की सीमा को बढ़ाने से जीडीपी में घरेलू सेविंग की हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
फिटमेंट फैक्टर बढ़ने की उम्मीद
केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों की मांग है कि इसे 2.57 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.68 फीसदी किया जाए. इसे बढ़ाने का सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा. बजट से पहले से कई मीडिया रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई कि इस बार सरकार फिटमेंट फैक्टर को लेकर फैसला कर सकती है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल पर मिलेगी राहत?
पेट्रोल-डीजल की महंगी कीमत के बीच लोगों का रुझान इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ बढ़ रहा है. लेकिन इनकी महंगी कीमत कुछ लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने पर मजबूर कर रही है. ऑटो इंडस्ट्री की तरफ से भी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर टैक्स कम करने की मांग कर रही है. इस बार के बजट में इसको लेकर भी ऐलान की संभावना की जा रही है.