सऊदी अरब में लॉ प्रोफेसर को सजा-ए-मौत, ट्विटर और वॉट्सऐप इस्तेमाल करने के लिए मिली सजा

प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के शासनकाल की शुरुआत के बाद से सऊदी में सोशल मीडिया और अन्य संचार के इस्तेमाल को आपराधिक बना दिया गया है. (सांकेतिक तस्वीर)

प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के शासनकाल की शुरुआत के बाद से सऊदी में सोशल मीडिया और अन्य संचार के इस्तेमाल को आपराधिक बना दिया गया है. (सांकेतिक तस्वीर)

Saudi Arab: सऊदी नियंत्रित मीडिया में अल-क़रनी को एक खतरनाक उपदेशक के तौर पर बताया गया है. हालांकि, विरोधियों का कहना है….

रियाद. सऊदी अरब (Saudi Arabia) में लॉ के एक मशहूर प्रोफेसर को मौत की सजा सुनाई गई है. प्रोफेसर को यह सजा सिर्फ ट्विटर अकाउंट रखने और राज्य के लिए “शत्रुतापूर्ण” माने जाने वाले समाचारों को शेयर करने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमास करने सहित अपराधों के लिए दी गई है. 65 साल के अवध अल-क़रनी को 2017 में नए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व वाली सऊदी सरकार द्वारा असहमति के खिलाफ एक कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया था.

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी नियंत्रित मीडिया में अल-क़रनी को एक खतरनाक उपदेशक के तौर पर बताया गया है. हालांकि, विरोधियों का कहना है कि अल-क़रनी सोशल मीडिया पर महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध बुद्धिजीवी थे, उनके ट्विटर अकाउंट पर 20 लाख फॉलोअर्स थे. अल करऩी पर लगे आरोपों का खुलासा उनके बेटे नासेर ने किया है जो कि सऊदी अरब से भाग कर यूके चले गए थे जहां उन्होंने शरण ली थी.

मानवाधिकार अधिवक्ताओं और निर्वासन में रहने वाले सऊदी विरोधियों ने चेतावनी दी है कि सऊदी अरब साम्राज्य में अधिकारी सरकार के आलोचक माने जाने वाले व्यक्तियों पर एक नई और गंभीर कार्रवाई में लगे हुए हैं.

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब क्राउन प्रिंस ने किसी ‘सऊदी विरोधी’ को निशाना बनाया हो.

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