Asaduddin Owaisi: भागवत की बात पर ‘लाल’ हुए ओवैसी, कहा- ये होते कौन हैं मुसलमानों को भारत में रहने के लिए इजाजत देने वाले

Asaduddin Owaisi comment on Mohan bhagwat: मोहन भागवत के बयान पर कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहना चाहिए. सहमत हूं. लेकिन, इंसान को इंसान रहना चाहिए.’

Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810

Asaduddin Owaisi: भागवत की बात पर 'लाल' हुए ओवैसी, कहा- ये होते कौन हैं मुसलमानों को भारत में रहने के लिए इजाजत देने वाले

Owaisi on Mohan bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर पलटवार करते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन औवैसी ने तीखे सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत होते हैं कौन हैं, जो मुसलमानों को धर्म के पालन की अनुमति दे रहे हैं. वहीं, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी आरएसएस प्रमुख पर तंज कसते हुए कहा कि ‘हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहना चाहिए’, लेकिन ‘इंसान को भी इंसान रहना चाहिए.’

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने की अनुमति देने वाले मोहन भागवत होते कौन हैं? अल्लाह की मर्जी से हम भारतीय हैं. उन्होंने हमारी नागरिकता पर शर्तें लगाने की हिम्मत कैसे की? हम यहां अपने विश्वास को समायोजित करने या नागपुर में कथित ब्रह्मचारियों के समूह को खुश करने के लिए नहीं हैं.’

सिब्बल ने क्या कहा?
मोहन भागवत के बयान पर कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहना चाहिए. सहमत हूं. लेकिन, इंसान को इंसान रहना चाहिए.’

भागवत ने क्या कहा था?
‘ऑर्गनाइजर’ और ‘पांचजन्य’ को दिए एक इंटरव्यू में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ‘हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान बना रहे, सीधी सी बात है. इससे आज भारत में जो मुसलमान हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं है. वह हैं. रहना चाहते हैं, रहें. पूर्वज के पास वापस आना चाहते हैं, आएं. उनके मन पर है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इस्लाम को कोई खतरा नहीं है, लेकिन हम बड़े हैं, हम एक समय राजा थे, हम फिर से राजा बने…यह छोड़ना पड़ेगा और किसी कोई भी छोड़ना पड़ेगा. अगर ऐसा सोचने वाला कोई हिन्दू है, तो उसे भी यह भाव छोड़ना पड़ेगा. कम्युनिस्ट है, उनको भी छोड़ना पड़ेगा.’

उन्होंने कहा, ‘जब से इतिहास में आंखें खुली तब भारत अखंड था. इस्लाम के आक्रमण और फिर अंग्रेजों के जाने के बाद यह देश कैसे टूट गया.. यह सब हमको इसलिए भुगतना पड़ा क्योंकि हम हिन्दू भाव को भूल गए. लेकिन हमारी राजनीतिक स्वतंत्रता को छेड़ने की ताकत अब किसी में नहीं है. इस देश में हिन्दू रहेगा, हिन्दू जाएगा नहीं, यह अब निश्वित हो गया है. हिन्दू अब जागृत हो गया है. इसका उपयोग करके हमें अंदर की लड़ाई में विजय प्राप्त करना और हमारे पास जो समाधान है, उसे प्रस्तुत करना है.’

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