Japan Johatsu: भारतीय परंपराओं में जीवन को चार भागों में बांटा गया है. जिसमें आखिरी पड़ाव (वृद्धाश्रम) में संयास की मान्यता रही है. ऐसे में जापान की जोहात्सु प्रथा कुछ हद तक चौथे पड़ाव से मेल खाती है, हालांकि घर छोड़कर गायब होने वाले ये जापानी बुढापा आने से कहीं पहले ही असमय गायब हो रहे हैं.
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
Japan Johatsu Tradition: भारत में लोग जिंदगी से परेशान होने पर अक्सर हिमालय यानी ऐसी जगह जाने की बात कहते हैं जहां उन्हें कोई न जानता हो ताकि वो वहां सुकून ने जिंदगी जी सकें. लेकिन क्या आपको पता है कि एक देश ऐसा भी है जो भारत की इस थीम को दशकों से फॉलो कर रहा है. इस देश का नाम जापान है. जहां घर छोड़कर गायब होने वाले लोगों को जोहात्सु कहा जाता है.
जोहात्सु के मायने
जापानी भाषा में जोहात्सु का मतलब होता है, भाप बनकर उड़ जाना. यहां लोग परिवार या नौकरी से तंग आकर अचानक गायब हो जाते हैं. हालांकि ये लोग अपनी जिंदगी खत्म नहीं करते यानी वो अपने जीवन को नुकसान पहुंचाने के बजाए एक नई जिंदगी की शुरुआत करते हैं. इस कामके लिए अब कुछ प्राइवेट कंपनियां मददगार बनती हैं जो एक निर्धारित फीस लेकर लोगों को भाप की तरह गायब होने में मदद करती हैं.
वो लोग जो नहीं लौटे
तो साफ है कि जोहात्सु यानी वो लोग जो रोजमर्रा की तरह घर से नौकरी या अपनी दुकान के लिए निकले और फिर वापस नहीं लौटे. इन्ही गायब होने वाले लोगों को जोहात्सु कहते हैं. अधिकतर मामलों में ऐसा देखने को मिला है, जब परिवार वालों के काफी ढूंढने पर भी कोई सुराग नहीं मिल पाता. लोगों के अचानक गायब होने के पीछे का कारण परिवार के लोग, नौकरी का तनाव या फिर भारी कर्ज होता है. ऐसी स्थितियों में लोग गायब होने का फैसला कर लेते हैं.
‘वजह हमेशा निगेटिव नहीं’
इस काम को प्रोफेशन बनाने वाले लोगों का कहना है कि गायब होने की वजह हमेशा नकारात्मक नहीं होती. कई बार लोग नई नौकरी शुरू करने या नई शादी करने के लिए भी ऐसा करते हैं. एक जापानी वेबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जोहात्सु पर कई दशक तक रिसर्च करने वाले समाजशास्त्री हिरोकी नाकामोरिक का कहना है कि इस शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले गायब होने वाले लोगों के लिए 1960 के दशक में किया जाता था.
क्यों हिट है ये आइडिया?
जापानी एक्सपर्ट्स का कहना है कि उनके देश में तलाक के मामलों में कमी की वजह भी जोहात्सु है, क्योंकि बहुत से लोग यहां तलाक लेने की कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने की जगह जोहात्सु होना ज्यादा बेहतर समझते हैं. इस कॉन्सेप्ट के कामयाब होने की एक वजह ये भी है कि जापान में प्राइवेसी को लेकर बेहद सख्त कानून हैं. यबां पुलिस लापता शख्स को तब तक नहीं ढूंढती, जब तक उसे किसी अपराध या दुर्घटना में फंसने की आशंका न हो. ऐसे में लापता व्यक्ति अपने एटीएम से पैसे निकाल सकता है. अपनी जिंदगी के अधूरे सारे काम कर सकता है. हालांकि जब कानून मदद नहीं करता को लापता व्यक्ति के परिवार प्राइवेट जासूसों की मदद लेते हैं. इसलिए यहां निजी डिडेक्टिव एजेंसियों की संख्या भी आस-पड़ोस के देशों से ज्यादा है.