Surya Gochar 2023 In February: हर माह कुछ ग्रह अपने समय पर ही गोचर करते हैं. सूर्य हर माह अपनी राशि परिवर्तन करते हैं. फरवरी में सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे जहां पहले से ही शनि विराजमान होंगे. ऐसे में सूर्य और शनि की युति कुछ राशि वालों के लिए लाभदायी रहने वाली है.
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
Surya-Shani Yuti 2023: शास्त्रों में सूर्य और शनि को पिता और पुत्र माना गया है और दोनों में शत्रुता है. ऐसे में साल 2023 की फरवरी माह में दोनों ग्रह एक ही राशि में विराजमान रहने वाले हैं. ऐसे में सूर्य और शनि की युति कई राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से लाभदायी होगी. सूर्य को सम्मान, यश, समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. वहीं, शनि को कर्मों के अनुसार फल देने वाले देवता के रूप में जाना जाता है. ऐसे में ये दोनों ग्रह कुंभ राशि में 30 साल बाद एक साथ बैठकर कुछ राशियों के जातकों को विशेष रूप से लाभ देने वाले हैं.
बता दें कि शनि 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और सूर्य 13 फरवरी को कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इसके साथ ही एक ही राशि में सूर्य और शनि की युति होगी. ऐसा पहले 1993 में हुआ था. ये युति 30 साल बाद फिर से होने जा रही है. इस दौरान वृषभ, मिथुन, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों को विशेष लाभ होगा. बता दें कि शनि देव और सूर्य देव कुंभ राशि में 14 मार्च तक रहने वाले हैं. ऐसे में ये समय कुछ राशि के जातकों की किस्मत का ताला खोलने वाला है.
इन्हीं मिलेगी साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति
शनि हर ढाई साल में अपनी राशि परिवर्तन करते हैं और 30 साल बाद कुंभ राशि में फिर से प्रवेश करने जा रहे हैं. शनि का ये गोचर 17 जनवरी को होने जा रहा है. इस दौरान मिथुन, तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से राहत मिल जाएगी. और शनि की साढ़े साती झेल रही मकर, धनु और कुंभ राशि के जातकों में से धनु राशि के जातकों को साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी.
कर्क और वृश्चिक राशि रहेगा ढैय्या का प्रभाव
ज्योतिष गणना के अनुसार शनि के कुंभ के गोचर करने के बाद कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या का प्रभाव रहेगा. इसके अलावा मकर राशि पर साढ़े सातीअंतिम चरण में होगी. वहीं, कुंभ राशि में साढ़े साती का प्रभाव बीच वाले चरण में होगा. और मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती की शुरुआत होगी.
शनि देव को यूं करें प्रसन्न
– नियमित रूप से ॐ हं हनुमते नम: का जाप करें.
– शनि के प्रकोप से बचने के लिए नियमित रूप से पीपल पर जल अर्पित करें और पितरों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करें.
– शनिवार के दिन निर्धनों और जरूरमंदों की सहायता करें. साथ ही, शनि की प्रतिमा पर शाम के समय सरसों का तेल अर्पित करें.
– इसके साथ ही शनि को प्रसन्न करने के लिए शनि स्त्रोत का पाठ करें.