Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
भारत के जाने-माने फ़िल्म निर्देशक मणिरत्नम की नई फिल्म पोन्नियिन सेलवन:1 की काफ़ी चर्चा हो रही है. बॉक्स ऑफ़िस पर इस तमिल फ़िल्म को बेहतरीन प्रतिक्रिया मिल रही है, लेकिन आख़िर ऐसा इस फ़िल्म में क्या है जिसके कारण ये लोगों को थिएटर तक खींचने में सफल साबित हो रही है.
भारत के महानतम सम्राटों में से एक पर आधारित पोन्नियिन सेलवन उपन्यास को तमिल में लिखा गया अब तक का सबसे बेहतरीन उपन्यास माना जाता है.
ये नाम राजराज चोल को उनकी वफ़ादार प्रजा ने दिया था- जिसका अर्थ है राजाओं का राजा. वह उस चोल वंश के राजा थे जिसने 9वीं शताब्दी से लेकर 13वीं शताब्दी तक दक्षिण भारत के बड़े इलाके पर राज किया.
राजराज चोल वंश के पहले शासक नहीं थे, लेकिन उन्होंने चोल साम्राज्य को अपने चरम पर पहुंचाया और एक अपेक्षाकृत छोटे से हिस्से से भारत का प्रमुख साम्राज्य बनाया. उनका राजनीतिक प्रभाव श्रीलंका, मालदीव, थाईलैंड और मलेशिया तक फैला. साथ ही इस साम्राज्य के संबंध चीन के भी साथ थे.
इतिहासकार सुनील खिलनानी ने लिखा कि राजराज ने “ऐसा काम किया जो उनके पहले किसी भी भारतीय शासक ने नहीं किया था. उन्होंने व्यापारिक नौकाओं का अधिग्रहण किया, लकड़ी से चलने वाले बड़े जहाज़ का अधिग्रहण किया और इस तरह समुद्री मार्ग के ज़रिए यात्राएं बढ़ाईं जिससे दूर-दराज़ के हिस्से से व्यापार करना संभव हो पाया.”
शाही रंज़िश की कहानी
कई फ़िल्मी स्टार्स वाली इस फ़िल्म को 500 करोड़ के बजट में बनाया गया है. फ़िल्म ‘पोन्नियिन सेलवन’ के राजगद्दी पर बैठने के इर्द-गिर्द घूमती है, उनके पिता अपने बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण शाही कर्तव्यों से खुद को दूर करने का फ़ैसला ले लेते हैं और उन्हें पदभार संभालना होता है, लेकिन ये इतना आसान नहीं है, महल में चल रही साज़िश और तख़्तापलट की कोशिशों में ये कहानी उलझी हुई है.
शाही परिवार के प्रतिद्वंद्वी राजराज से सिंहासन हड़पने की साज़िश रचते हैं और दुश्मन उनकी हत्या की साज़िश रचते हैं.
इस शाही दांव-पेच की कमान संभालती हैं एक बेहद शक्तिशाली और गूढ़ महिला नंदिनी, नंदिनी का किरदार निभाया है एश्वर्या राय बच्चन ने. नंदिनी अपने पूर्व प्रेमी (जिसका किरदार दक्षिण के स्टार विक्रम ने निभाया है.) को बर्बाद करना चाहती है.
नंदिनी की प्रतिद्वंदी हैं कुंडावई, इस किरदार को निभाया है तमिल की जानी-मानी अभिनेत्री त्रिशा ने. कुंडावई हर साज़िश को ध्वस्त करके अपने भाई को बचाती है और ये चाहती है कि उसका भाई जो सिंहासन का असली उत्तराधिकारी है वही राजगद्दी पर बैठे.
अभिनेता कार्ति ने वंदियाथेवन की भूमिका निभाई है जो एक तेजतर्रार योद्धा है और शाही राजकुमारों का वफ़ादार दोस्त है.
उनका किरदार एक बहादुर योद्धा का है जो महिलाओं के बीच चर्चित है, वह बेहद चालाक और होनहार है जो राजकुमार के खिलाफ़ हर तरह की साज़िशों को नाकाम साबित करता है.
तमिल में उपन्यास को कल्ट का दर्जा
पोन्नियिन सेलवन चोल वंश की महिमा का एक काल्पनिक साहित्यिक रिकॉर्ड है जिसका सांस्कृतिक योगदान आधुनिक तमिलनाडु में दिखाई देता है. इस साम्राज्य की छाप तंजावुर शहर में एक विशाल ग्रेनाइट मंदिर की मूर्तियों और शिलालेखों में देखी जा सकती है, जहां चोल वंश का शासन था.
पोन्नियिन सेलवन की कहानी को 1955 में लेखक और पत्रकार कल्कि कृष्णमूर्ति ने एक तमिल पत्रिका कल्कि में क्रमबद्ध तरीके से प्रकाशित किया था. ये लगभग 2,000 पन्नों का ऐतिहासिक उपन्यास है जिसके कई संस्करण हैं और अंग्रेजी में अनुवाद प्रकाशित किए जा चुके हैं.
बच्चों की कॉमिक्स और थिएटरों में प्ले के ज़रिए इस उपन्यास को लोगों के जहन में ज़िंदा रखा गया है.
चेन्नई में रहने वाले फिल्मों के जानकार प्रीतम चक्रवर्ती कहते हैं, ” इस उपन्यास को तमिल में एक कल्ट का दर्जा मिला है जिसके बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि 21वीं सदी के दर्शक जिन्होंने गेम ऑफ थ्रोन्स और देसी फ़ैंटेसी फ़िल्म बाहुबली जैसी फ़िल्में देखी हैं वो 10 वीं शताब्दी की इस तमिल शाही कहानी पर आधारित फिल्म पर क्या प्रतिक्रिया देंगे.”
एक हालिया इंटरव्यू में मणिरत्नम ने कहा कि वह चाहते हैं कि पोन्नियन सेलवन दर्शकों को एक बेहतरीन अनुभव दे.
बेहतरीन सिनोमेटोग्राफ़ी जिसकी हो रही तारीफ़
फ़िल्म की बेहतरीन सिनेमेटोग्राफ़ी की ख़ूब तारीफ़ की जा रही है. समंदर की लहरों में बड़े जहाज़, युद्ध के ऐतिहासिक दृश्य और समंदर में डूबते जहाज़ों के सीन इस सिनेमा को दर्शकों के लिए एक विज़ुअल ट्रीट बनाते हैं. फ़िल्म के डायलॉग मध्यकालीन तमिल भाषा में लिखे गए हैं, लेकिन उन्हें इस तरह सजाया गया है कि वह भाषा आज की जनता के लिए समझने में आसान हो.
फ़िल्म के संगीत निर्देशक एआर रहमान हैं और उन्होंने इसके लिए पश्चिमी राग का मिश्रण, फ़ोक ड्रम बीट्स, और सूफ़ी धुनों का इस्तेमाल किया है.
आलोचकों ने मणिरत्नम की पांच-भाग वाले उपन्यास को दो भागों के सिनेमा में बांटने के सफल प्रयासों की सराहना की है- अभी फ़िल्म का पहला भाग रिलीज़ किया गया है और दूसरा भाग अगले साल रिलीज़ होने वाला है.
फ़िल्म की शूटिंग 150 दिनों में पूरी की गई. वीकेंड पर पोन्नियिन सेलवन को ज़ोरदार ओपनिंग मिली है.
चेन्नई के सिनेमा हॉल में टिकट के लिए बॉक्स ऑफ़िस आधी रात से ही खुल गए. सिनेमा हॉल के बाहर लंबी क़तारें देखी गईं. पूरे तमिलनाडु में फिल्म की रिलीज का जश्न मनाने वाले प्रशंसक सिनेमाघरों के बाहर ढोल की थाप पर नाचते दिखे.
फ़िल्म के पहले भाग का अंत ऐसे प्वाइंट पर किया गया है जिसके आगे क्या होगा ये जानने के लिए दर्शक दूसरे भाग का दिल थामकर इंतज़ार कर रहे हैं, जो अगले साल आएगी.