फरवरी से नामीबियाई चीतों का दीदार कर सकेंगे लोग, सहरिया आदिवासियों के घर में होम स्टे का मौका भी
देश में करीब 70 साल बाद चीतों को एक बार फिर बसाने की कोशिश की गई है। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आठ नामीबियाई चीतों को बसाया गया है। फिलहाल देशवासियों ने चीतों को सिर्फ तस्वीरों या वीडियो में ही देखा है, लेकिन नए साल की शुरुआत के साथ ही लोग जल्द ही चीतों का दीदार कर सकेंगे। कूनो नेशनल पार्क में जनवरी के आखिरी सप्ताह या फरवरी माह के पहले सप्ताह में चीतों को 500 हेक्टेयर के बड़े बाड़े से खुले में छोड़ने की तैयारी की जा रही है। चीतों को बड़े मैदान में छोड़ने के साथ ही टूरिज्म को भी हरी झंडी मिल जाएगी। जिसके बाद सैलानी कूनो नेशनल पार्क पहुंचकर चीतों को देख सकेंगे।
कूनो में फरवरी से देख सकेंगे नामीबियाई चीते
सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिली जानकारी के मुताबिक फिलहाल कूनो में बसाए गए सभी चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं और शिकार कर रहे हैं। सरकार चीता टूरिज्म डेवलप करने के लिए कूनो के पास बसे सहरिया आदिवासी परिवारों को होम स्टे चलाने की ट्रेनिंग दे रही है। अब तक चार सहरिया परिवारों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। ट्रेनिंग में सहरिया परिवारों को हाइजीन मेंटेन करने और विदेशी पर्यटकों के लिए खाना बनाने के गुर सिखाए जा रहे हैं। इसके साथ ही उनके घरों में मरम्मत की जा रही है। फिलहाल छह और परिवारों को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है। नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन (एनआरएलएम) और इकोटूरिज्म बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट के लिए घरों को चयनित किया है।
शिफ्ट में होगी चीता सफारी
कूनो नेशनल पार्क में चीता सफारी के लिए नियम कायदे टाइगर रिजर्व की तरह ही होंगे। कूनो में सफारी के लिए टूरिस्ट को ऑनलाइन बुकिंग करनी होगी। सुबह और शाम की शिफ्ट में सफारी होंगी। कूनो में तीन जोन हैं। टिकटोली जोन में चीतों को रखा गया है। इसके अलावा अहेरा और पील-बावड़ी जोन है। कूनो के तीनों जोन में कुल 180 किमी का ट्रैक है। चीतों के कूनो में आने के पहले से ही टिकटोली को सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। यहां नई सफारी का रूट और ट्रैक पुराना है। हालांकि चीतों के प्रोटेक्शन के लिए ट्रैक को रिपेयर किया गया है। जहां चीते हैं, वहां 70-80 किमी का ट्रैक है। टूरिस्ट इसी पर जा सकेंगे।
गाइड्स को दी जा रही ट्रेनिंग
मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व और अन्य पर्यटन स्थलों पर हर साल बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कूनो नेशनल पार्क में विशेष तैयारी की जा रही है। यहां 60 गाइड्स को अंग्रेजी सिखाई जा रही है। विश्व में पहली बार जानवरों का इंटर कॉन्टिनेंटल ट्रांसलोकेशन हुआ है। डीएफओ कूनो प्रकाश वर्मा के मुताबिक चीते 50-100 स्क्वायर किमी के इलाके को अपनी टेरेटरी बनाते हैं। हम उसी के अनुसार टूरिज्म के लिए अपनी तैयारी कर रहे हैं।
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चीतों के आने के बाद बढ़ रहे सैलानी
सितंबर में चीतों के आने के बाद कूनो नेशनल पार्क में आने वाले सैलानियों की संख्या भी बढ़ गई है। पहले सालभर में सिर्फ 20 से 30 गाड़ियां यहां पहुंचती थी, लेकिन अब हर दिन करीब दो से तीन गाड़ियां पहुंच रही हैं। बीते साल टिकटोली गेट से करीब 1200 गाड़ियों ने एंट्री की थी। बता दें, सितंबर में नामीबिया से 8 चीतों को भारत लाया गया था। इनमें से पांच मादा और तीन नर हैं।