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मध्य प्रदेश सरकार ने महापौर और पार्षदों का वेतन दोगुना कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को महत्वपूर्ण मंत्र भी दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने नगर निगम, नगर पालिका ओर नगर परिषदों के महापौर, पार्षदों के वेतन को दोगुना कर दिया है। राजधानी भोपाल में नवनिवार्चित जनप्रतिनिधियों के लिए कार्यशाला सह सम्मेलन का आयोजन किया गया। सोमवार को मोतीलाल नेहरू स्टेडिय में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनको महत्वपूर्ण मंत्र भी दिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित करते हुए पार्षदों की जिम्मेदारी मेयर और अध्यक्ष से अधिक बड़ी है। मुख्यमंत्री-मंत्री आपके कारण ही अच्छा काम कर पाएंगे। इसलिए धैर्य व उत्साह से हमेशा भरे रहना।
सीएम ने कहा कि जनता को सफाई, बिजली, पानी आदि संबंधी कोई भी कष्ट होगा, तो सबसे पहले पार्षद के पास लोग पहुंचते हैं। आप सदैव उत्साह के साथ जनता की सेवा करें। सीएम ने कहा कि मन में तड़प है तो शरीर से निकलने वाले रसायन आपको दिन-रात काम करने की ताकत देते हैं। यह सफल होने के गुण हैं। आज हम आपको नियम, प्रक्रिया उपलब्ध करा रहे हैं। इतनी चीजें है कि उनसे आप जनता को निहाल कर सकते हैं। अगर ठीक से समझ लिया तो जनता के दिल पर राज करोंगे।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को मंत्र देते हुए कहा कि पांव में चक्कर, मुंह में शक्कर, सीने में आगे और माथे पर बर्फ हो यही जनप्रतिनिधियों के लिए मंत्र हैं। इसका मतलब है कि सुबह लोगों से मिलिए। मुंह में शक्कर का अर्थ है कि कवड़ा मत बोलो। सीने में आगे का मतलब काम करने की तड़प और माथे पर बर्फ यानी दिमाग ठंड रखो। हमेशा विन्रम बनें रहना। हममें अहंकार आया तो जनता की नजर से उतरना शुरू हो जाता हैं। जनता हर चीज बारीकी से देखती हैं। यह पहली बात हैं।
दूसरी बात किसी भी कागज पर बिना पढ़े दस्तखत मत करना। नियम, प्रक्रिया पढ़ो, सभी जानकारी लो फिर दस्तखत करना। यह मूलमंत्र दे रहा हूं। पूरे दिन और सप्ताह की आप समय सारणी बनाएं। निश्चित समय सीमा में लोगों को सुविधाएं मिल जाएं। कौन सी सुविधाएं कितने दिल में मिल जाए, कैसे मिल जाएं, इसकी पूरी जानकारी हो।
सीएम ने कहा कि नई अवैध कॉलोनी को बिल्डर काटे तो उसे जेल भेज दो, लेकिन पुरानी जहां घ्ज्ञर बनाकर लोग रह रहे हैं उसे वैध बना दो। सरल नियम प्रक्रिया बनाकर उन्हें वैध बनाने का काम करेंगे। सीएम ने कहा कि पहले बिल्डिंग परमिशन 30 दिन में मिलती थी। अब 15 दिन में मिलती हैं।
सीएम ने कहा कि एक कानून हमने बनाया है। पब्लिक सर्विस डिलेवरी गारंटी एक्ट। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जो अधिकारी निश्चित समय में अनुमति नहीं देगा, उसके खिलाफ जुर्माना हर दिन लगता जाएगा। जो हर्जाने के रूप में उसे मिलेगा, जिसका काम देरी से हो रहा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एक फैसला कर रहे हैं कि 31 दिसंबर 2020 तक शहरों में जो गरीब जहां रह रहा हैं। उसका पट्टा उसे दे दिया जाएगा। यहीं हम गांव में भी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने सोन चिरैया मेला और विभागीय प्रदर्शनी का उद्घाटन और स्वच्छ सर्वेंक्षण-2022 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एवं राजस्व वसूली में उल्लेखनीय कार्य करने वाले निकायों को पुरस्कृत किया। प्रशिक्षण में मुख्यमंत्री अधो-संरचना, मुख्यमंत्री पेयजल, AMRUT 2.0, दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन सहित अन्य योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही प्रमुख नवाचार जैसे- ई-नगरपालिका, स्व-चालित भवन अनुज्ञा प्रणाली, जीआईएस, लेखा प्रणाली, अनाधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण तथा कॉलोनाइजर के लिये राज्य स्तरीय लाइसेंस व्यवस्था पर चर्चा की। साथ ही स्वच्छ भारत एवं अन्य मिशन, पर्यावरण प्रदूषण और तेजी से बढ़ते शहरीकरण की चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक कृष्णा गौर, महापौर मालती राय समेत अन्य नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे।