राजधानी भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में घूम रहा बाघ T-1234 शनिवार रात को पिंजरे में फंस गया। वन विभाग ने बाघ को पकड़ने तीन पिंजरे रखे थे। इसमें लालच के लिए बकरी को बांधा हुआ था। अब बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया दोपहर में टीम बाघ को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ने के लिए निकल गई है।
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मैनिट में घुम रहा बाघ पिंजरे में पकड़ में आया
शहर के मैनिट में 14 दिन पहले बाघ स्टूडेंट्स को दिखा था। यह बाघ अब तक चार मवेशियों पर हमला कर चुका है। जिसमें से दो की मौत हो गई है। इसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने तीन कैमरे लगा रहे थे। वहीं, 20 से ज्यादा ट्रैप कैमरे से उसकी मॉनीटरिंग की जा रही थी। वन विभाग के 40 से ज्यादा कर्मचारियों की मैनिट में अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई थी। भोपाल डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि शनिवार देरात बाघ पिंजरे में फंस गया। इसे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ने के लिए टीम निकल गई है।
वन विभाग के अधिकारियों को पहले बाघ के मैनिट में होने को लेकर संदेह था। इसका कारण उसके फुट प्रिंट सही से नहीं मिलना था। हालांकि इसके शिकार करने के तरीके से उसके बाघ का बच्चा या तेंदुआ होने की बात कही जाने लगी। 6वें दिन बाघ वन विभाग के कैमरे में कैद हुआ, जिसके बाद उसकी पहचान टी-1234 के रूप में हुई। इसको पकड़ने के लिए वन विभाग ने एक पिंजरा लगाया था, लेकिन बाघ उसके पास नहीं आ रहा था। फिर दूसरा पिंजरा लगाया, जिसके बाद बाघ कैमरे में कैद हुआ। इसके बाद वन विभाग ने तीसरा पिंजरा लगाया और उसमें बकरी को रखा था। इसमें बाघ फंस गया।
मैनिट में बाघ दिखने के बाद से ही दहशत का माहौल था। इसको लेकर प्रबंधन ने ऑफ लाइन क्लोस बंद कर दी थी। इसके बाद यूजी की कक्षाओं के लिए छुट्टी घोषित कर दी थी। इसको लेकर पीजी के छात्रों ने विरोध किया था। बता दें मैनिट में 70 से 80 हेक्टेर में घना जंगल है। इसी में बाघ छिपा हुआ था। बाघ की मौजूदगी के बाद तालाब की तरफ के इलाके को सील कर दिया गया। उस तरफ जाने पर रोक लगा दी थी। इसके लिए मैनिट के गार्ड और वन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया था