भारत पर भी होगा अफगान की घटनाओं का असर, SCO समिट में बोले पीएम मोदी

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में अफगानिस्तान के मुद्दे पर अपने डिजिटल संबोधन में मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता-परिवर्तन समावेशी नहीं है और बिना वार्ता के हुआ है.   

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रम का सर्वाधिक प्रभाव भारत जैसे उसके पड़ोसी देशों पर होगा और अगर वहां अस्थिरता और कट्टरवाद बरकरार रहा तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और अतिवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा.

सभी पड़ोसी देशों पर होगा अफगान का असर 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश के ताजा घटनाक्रमों को देखते हुए इस मामले में क्षेत्रीय फोकस और सहयोग आवश्यक है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम का सबसे अधिक प्रभाव हम जैसे पड़ोसी देशों पर होगा. और इसलिए इस मुद्दे पर क्षेत्रीय फोकस और सहयोग आवश्यक है.

प्रधानमंत्री मोदी ने चेताया कि अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरवाद बना रहेगा तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और अतिवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि अन्य उग्रवादी समूहों को हिंसा के माध्यम से सत्ता पाने का प्रोत्साहन भी मिल सकता है. इससे ड्रग्स, अवैध हथियारों और मानव तस्करी का अनियंत्रित प्रवाह बढ़ सकता है. बड़ी मात्रा में आधुनिक हथियार अफगानिस्तान में रह गए हैं और इनके कारण पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा बना रहेगा.

पीएम मोदी आतंकवाद और कट्टरवाद को लताड़ा

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में अफगानिस्तान के मुद्दे पर अपने डिजिटल संबोधन में मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता-परिवर्तन समावेशी नहीं है और बिना वार्ता के हुआ है. 

उन्होंने कहा कि इससे नई व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं. इसलिए यह आवश्यक है कि नयी व्यवस्था पर मान्यता वैश्विक समुदाय सोच समझ कर ले.

पूरी दुनिया करे अफगानिस्तान पर निर्णय 

प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में गंभीर मानवीय संकट है और वित्तीय व्यापार के प्रवाह में रूकावट के कारण अफगानिस्तान की जनता की आर्थिक विवशता बढ़ती जा रही है तथा साथ ही कोरोना की चुनौती भी उनके लिए यातना का कारण है.

उन्होंने कहा कि विकास और मानवीय सहायता के लिए भारत बहुत वर्षों से अफगानिस्तान का विश्वस्त सहयोगी रहा है. मूलभूत संरचनाओं से ले कर शिक्षा, सेहत और क्षमता निर्माण तक हर क्षेत्र में और अफगानिस्तान के हर भाग में हमने अपना योगदान दिया है.

उन्होंने कहा कि आज भी हम अपने अफगान मित्रों तक खाद्य सामग्री, दवाइयां आदि पहुंचाने के लिए इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी को मिल कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान तक मानवीय सहायता निर्बाद्ध तरीके से पहुंच सके.

अफगानिस्तान पर पीएम मोदी ने दुनिया को चेताया, बोले- मान्यता पर सोचकर लें फैसला

पीएम नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के हालात पर चिंता जताई है. SCO के वर्चुअल सम्मेलन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तालिबान सरकार को मान्यता देने के मुद्दे पर विश्व समुदाय सोच-समझकर फैसला ले. 

पीएम नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के हालात और दुनिया में बढ़ रहे आतंकवाद के खतरों के बारे में एक बार फिर दुनिया को चेताया है. पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम का असर सभी पड़ोसी देशों पर पड़ा है. इसलिए आतंक के खतरों से निपटने के लिए क्षेत्रीय फोकस और सहयोग को बढ़ाने की जरूरत है. 

‘महिलाओं और अल्पसंख्यकों को नहीं मिला हक’

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार में महिलाओं और अल्पसंख्यकों समेत सभी समाज का प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है. इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय नई व्यवस्था की मान्यता पर सोच-विचार कर ही सामूहिकता से फैसला ले. पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस मामले में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का समर्थन करता है. 

‘अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं’

शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के हालात पर बोलते हुए कहा कि वहां सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं है और परस्पर बातचीत के हुआ है. इसलिए उसकी स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं.

अफगानियों की मदद के लिए भारत तैयार

प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट का गंभीर मुद्दा है. साथ ही कोरोना की चुनौती भी है. भारत अपने दोस्त अफगानिस्तान का बहुत पुराना और भरोसेमंद पार्टनर रहा है. भारत ने हर सेक्टर में अफगानिस्तान को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग दिया है. इस संकट के समय भी भारत अपने दोस्त अफगानिस्तान की मदद का इच्छुक है. अफगानी समाज की मदद के लिए होने वाली किसी भी पहल को बढ़ावा देने में भारत अपना सहयोग देता रहेगा. 

‘अफगानिस्तान में बढ़ सकती है ड्रग्स की तस्करी’

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बात पर चिंता बताई कि अफगानिस्तान में अब ड्रग्स, अवैध हथियार और मानव तस्करी की घटनाएं बढ़ सकती हैं. इलाके में बड़ी तादाद में बड़े और छोटे हथियार रह गए हैं. इससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल बना रहेगा, जिसकी लगातार निगरानी करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सूचनाओं की शेयरिंग के लिए SCO मैकेनिज्म बनाकर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. 

‘आतंक के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति बनाए SCO’ 

उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरता का माहौल बना रहेगा तो इससे आतंकवादी और चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा. इस क्षेत्र के सभी देश आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं. इसलिए उन सभी को मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में न हो पाए. इस तरह की गतिविधियों पर रोक के लिए कोड ऑफ कंडक्ट बनाया जाना चाहिए. इस कोड में आतंकवाद के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति शामिल होनी चाहिए. 

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