राजा शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस जबलपुर में मनाया जायेगा, भारत के गृह मंत्री अमित शाह होंगे शामिल, गाथा के जीवंत दृश्यांकन में झलकी 1857 की क्रांति

आदिवासी समाज के प्रणेता राजा शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह ने अंंग्रजो के सामने नही झुके । दोनो पिता पुत्र नेे अपने आदिवासी समाज के लिए अपने प्राणो की आहुति खुुशी खुशी दे दी । जिसका स्‍मरण आज सरकार और समाज के लोग कर रहे है । उनकी यह कुर्बानी सदियो तक विस्‍मृत नही की जाएगी । 18 सितंबर 2021 को उनके बलिदान स्‍थल जबलपुर म0प्र0 में बलिदान दिवस मनाया जा रहा है जिसकी अपील आदिवासी समुदाय ने देश के नागरिको से की है क्‍योकि उनका जो अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन था वह देश हित मे था । उनके बलिदान को मध्‍यप्रदशे के लोग हमेशा याद रखेगे । इस बलिदान दिवस के आयोजन में भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थित गरिमामय रहेगी ।

आजादी के प्रथम बलिदानी गोंडवाना साम्राज्य के राजा शंकर शाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथशाह के जीवंत दृश्यांकन में 1857 की क्रांति की झलक ने संस्कारधानी को भाव विह्ल कर दिया। मौका था कि 164 वर्षों बाद बाद पहली बार भाजपा द्वारा निकाली गई बलिदान स्मृति यात्रा का। सांसद राकेश सिंह के तत्वावधान में राजा शंकरशाह, कुंवर रघुनाथशाह की बलिदान गाथा का जीवंत दृश्यांकन पेश करती यात्रा गांधी भवन से शुरू हुई जो मालगोदाम स्थित बलिदान स्थली पर समाप्त हुई। इस जीवंत दृश्यांकन में अभिनय करते हुए राजा शंकरशाह, कुंवर रघुनाथ शाह उनकी धर्म पत्नीयां रानी फुलकुंवर व मन कुंवर चल रही थीं। जबकि चारों तरफ अंग्रेज सैनिक और तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर ई क्लार्क चल रहे थे। बलिदान स्थली पर सांसद राकेश सिंह मौजूद जनप्रतिनिधियों व पार्टीजनों ने राजा शंकरशाह रघुनाथ शाह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

15 मंच संजाए गए थे, होती रही पुष्प वर्षा : 

बलिदान स्मृति यात्रा के दौरान राजा शंकरशाह रघुनाथशाह सहित सहयोगी रहे बलिदानी क्रांतिकारियों की वेशभूषा में चल रहे क्रांतिकारियों पर भी पुष्पवर्षा की गई। इसके लिए 15 अलग-अलग मंच बनाए गए थे। इसमें महारथी सूबेदार बलदेव तिवारी, दसनामी महान्तपुरी बाबा, मंहत संग्राम गिरी, शहीद गंगापुरी गोसाईं, राजा हृदय शाह, महारथी मेहरबान सिंह, श्रीयुत जवाहर सिंह, गजराज सिंह, श्रीयुत रामनिवास चौबे, श्रीयुत देवी सिंह, श्रीयुत सुदीन दास, कूड़न सिंह, सरजू प्रसाद ठाकुर, महारथी मोनी सिंह प्रमुख थे। यात्रा में भाजपा नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर, ग्रामीण अध्यक्ष रानू तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष सुमित्रा वाल्मीकि, प्रदेश मंत्री आशीष दुबे, कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन, विधायक अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी, पूर्व विधायक अंचल सोनकर, शरद जैन, हरेंद्रजीत सिंह बब्बू, पूर्व महापौर प्रभात साहू, सदानंद गोडबोले, स्वाति गोडबोले, डा. जितेंद्र जामदार, एसके मुद्दीन आदि मौजूद रहे।

मातृभूमि के लिए न्यौछावर कर दिए प्राण:

 इस अवसर पर सांसद ने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि हमारे जबलपुर में देश के आदिवासी जननायक राजा शंकरशाह रघुनाथ शाह ने 1857 की क्रांति में अंग्रेजों से लोहा लिया और अपनी भूमि की रक्षा के लिए समझौता न करते हुए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया। स्वतंत्रता संग्राम में अनेक क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया है किंतु देश का पहला राजवाड़ा गोंडवाना साम्राज्य रहा जिनके राजा और उनके पुत्र को तोप के मुंह बांधकर उड़ाया गया है। उनके बलिदान की गाथा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उनके गिरफ्तारी वाले दिन 14 सितंबर को ही यह बलिदान स्मृति यात्रा संसदीय क्षेत्र जबलपुर के तत्वावधान में निकाली गई है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 75 वें वर्ष में अमृत महोत्सव के आलोक में देश मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश में अनेकों कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। जो लगातार पांच दिनों तक चलेगा।

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