भोपाल. राजधानी की कलियासोत नदी का गंगा नदी बेसिन की तर्ज पर संरक्षण करने के एनजीटी ने निर्देश दिए थे। इसके बाद संरक्षण का प्लान तो बन गया है लेकिन यह सिर्फ कागजों तक सीमित है। यह प्लान अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया है। जबकि लगातार बारिश के चलते बड़ा तालाब फुल टैंक लेवल पर पहुंचने वाला है। तालाब फुल होने पर कलियासोत नदी में पानी आएगा और पूरा सीवेज और कचरा बहाकर बेतवा में पहुंचा देगा और अंतत: यह पानी यमुना के माध्यम से गंगा में पहुंच जाएगा। इस प्रकार गंगा बेसिन की तर्ज पर संरक्षण तो दूर कलियासोत के माध्यम से पवित्र गंगा नदी में प्रदूषण जरूर बढ़ेगा। यही नहीं कलियासोत में बहने वाले सीवेज के कारण आसपास के क्षेत्रों का भूजल भी दूषित लगातार दूषित हो रहा है।