ऑनलाइन शराब मंगाने के चक्कर में राकेश जांगिड (IAS) अधिकारी से ऑनलाइन ठगी

भोपाल । मध्य प्रदेश में साइबर क्रिमिनल किस कदर सक्रिय और हावी है, इसका ताजा उदाहरण है ये खबर. शराब के चक्कर में एक आईएएस अधिकारी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गए. दो अलग-अलग ब्रांड की शराब आईएएस अधिकारी ने ऑनलाइन बुलाने की कोशिश की. लेकिन, पेमेंट करने के बाद भी उन्हें शराब की डिलीवरी नहीं मिली. जब उन्हें एहसास हुआ कि वह ठगी के शिकार हो गए, तब जाकर उन्होंने पुलिस की मदद ली.

हालांकि, मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण एडिशनल एसपी क्राइम ब्रांच गोपाल धाकड़ कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. इतना ही नहीं इस मामले के जांचकर्ता अधिकारी ने भी चुप्पी साध ली है. इस मामले में एफआईआर होने के बावजूद अधिकारी मामले से अनभिज्ञता बता रहे हैं.

आईएएस अफसर लोकेश जांगिड़ के साथ ऑनलाइन वाइन खरीदने के नाम पर अज्ञात मोबाइल नंबरों से धोखाधड़ी की गई. अभी तक की जांच में 17000 रुपए की धोखाधड़ी करना पाया गया. पुलिस ने मोबाइल नंबर, पेटीएम खातों के नंबर और बैंक अकाउंट के नंबर के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में मामला दर्ज किया.

क्राइम ब्रांच की साइबर विंग के मुताबिक बावड़ियाकलां स्थित डीके कॉटेज निवासी आइएएस लोकेश जांगिड़ ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसमें बताया कि ऑनलाइन शराब खरीदने के लिए उन्होंने 11 जुलाई को रात पौने दस बजे गूगल से सर्च कर एक वॉट्सएप मोबाइल नंबर प्राप्त किया। उस नंबर के आधार पर 10 नंबर स्थित शराब की दुकान से वाट्सएप के माध्यम से व्हिस्की के विभिन्न ब्रांडों की जानकारी ली। कुछ देर बाद उनके पास अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। वह बोला कि आपका मैसेज मिला है। आपको कौन से ब्रांड की शराब चाहिए। जांगिड़ ने उससे टलिस्कर और अबेरलर की एक-एक बोतल की मांग की। फोन करने वाले ने टलिस्कर की बोतल 4400 रुपये और अबेरलर की बोतल 4150 रुपये की बताई। दोनों बोतल की कुल राशि 8550 रुपये बताई। साथ ही शराब का भुगतान यूपीआइ द्वारा करने को कहा।

आईएएस लोकेश जांगिड़ ने अंजान शख्स से व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से शराब की उपलब्धता के बारे में पूछताछ की. उन्हें अज्ञात आरोपी ने बताया गया कि आपका मैसेज प्राप्त हुआ है. आपको कौन सा ब्रांड चाहिए. लोकेश ने अपनी पसंद की दो ब्रांड की शराब बताई. इसको लेकर ऑनलाइन पेमेंट भी कर दिया. अज्ञात आरोपी ने 10 नंबर वाइन शॉप से डिलीवरी देने की बात भी कही. 17 हजार रुपए ट्रांजैक्शन आईडी से ट्रांसफर किए गए. इसके बाद जब आरोपी ने बार-बार और अधिक पैसे की मांग की तो लोकेश को शक हुआ कि उसके साथ फ्रॉड हुआ है. उन्होंने भोपाल क्राइम ब्रांच में शिकायती आवेदन दिया. इस शिकायती आवेदन पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई.

जिसके बाद लोकेश जांगिड ने पुलिस से इसकी शिकायत की। पुलिस ने जांगिड़ की शिकायत पर गुपचुप तरीके से कार्रवाई करते हुए ठगी करने वाले राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले  मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इस मामले से जुड़े और दो लोगों की तलाश कर रही है जिसके लिए आरोपी काम किया करता था।

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