अफगानिस्तान पर नियंत्रण से पहले यहां भीषण हिंसा फैलाने वाले तालिबान की हरकतें देश पर कब्जा कर लेने के बाद भी नहीं रुकी हैं। ताजा मामले में एक तालिबानी लड़ाने के एक अफगानी लोक गायक की हत्या कर दी है।
अफगानिस्तान में हिंसा का दौर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटनाक्रम में एक अफगानी लोक गायक की हत्या की जानकारी सामने आई है। समाचार एजेंसी एएनआई ने एसोसिएटेड प्रेस के हवाले से खबर दी है कि एक तालिबानी लड़ाके ने अस्पष्ट परिस्थितियों में एक अफगानी लोक गायक की गोली मार कर हत्या कर दी है।
वहीं, काबुल एयरपोर्ट के पास हुए बम धमाकों के तीन दिन बाद यहां रविवार को एक और धमाका हुआ है। धमाके वाली जगह से धुएं का बड़ा गुबार देखा जा सकता है। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के इलाकों के लोग दशहत में आ गए। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह हमला रॉकेट के जरिए किया गया था।
अंद्राबी के परिवार ने दी जानकारी
लोक गायक के बेटे जवाद अंद्राबी ने बताया कि तालिबान पहले उनके घर की तलाशी ली। उनके बेटे ने कहा, ‘वह निर्दोष थे, वह एक गायक थे जो केवल लोगों का मनोरंजन कर रहे थे। उन्होंने उन्हें सिर में गोली मार दी।’ उनके बेटे ने कहा कि वह न्याय चाहते हैं और एक स्थानीय तालिबान परिषद ने उनके पिता के हत्यारे को दंडित करने का वादा किया है। दूसरी ओर, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि घटना की जांच की जाएगी, लेकिन हत्या के बारे में कोई अन्य जानकारी नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र ने हत्या पर चिंता जताई
इस बीच सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत करीमा बेन्नौने ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें अंद्राबी की हत्या पर ‘गंभीर चिंता’ है। उन्होंने लिखा, ‘हम सरकारों से आह्वान करते हैं कि तालिबान कलाकारों के मानवाधिकारों का सम्मान करें।’ एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने भी इसी तरह हत्या की निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘इस बात के सबूत हैं कि 2021 का तालिबान 2001 के असहिष्णु, हिंसक, दमनकारी तालिबान जैसा ही है। 20 साल बाद। उस मोर्चे पर कुछ भी नहीं बदला है।’