दक्षिण एशिया में, पाकिस्तान का आर्थिक संकट गंभीर बना हुआ है, जबकि श्रीलंका और मालदीव हाल ही में हुए वित्तीय संकट से उबर रहे हैं। भारत उनके स्थिरीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इन परस्पर जुड़ी चुनौतियों के लिए कुशल कूटनीति और मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है।ये ऐसे क्षेत्र रहे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने उल्लेखनीय चपलता और लचीलापन दिखाया है। भारत ने न केवल रणनीतिक दूरदर्शिता के साथ अपना रास्ता तय किया है, बल्कि विश्व मंच पर एक विश्वसनीय भागीदार और स्थिर शक्ति के रूप में भी उभरा है।इंडो-पैसिफिक में, दक्षिण चीन सागर और भारत सहित इसकी सीमाओं पर चीन की मुखर मुद्रा ने इस क्षेत्र को खतरे में डाल दिया है। म्यांमार का आंतरिक संकट इस क्षेत्र को घेरने की धमकी देता है। वहीं, बांग्लादेश में महत्वपूर्ण राजनीतिक अशांति का सामना करना पड़ रहा है। इसमें बिगड़ते सुरक्षा माहौल और अल्पसंख्यक समुदायों पर इसके प्रभाव और संभावित फैलाव के बारे में चिंताएं हैं।