एलियंस की मौजूदगी को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते हैं. कभी उनके यान को देखे जाने की बात सामने आती है, तो कभी उनके धरती पर उतरने की. लेकिन कोई भी पुख्ता तौर पर ये नहीं कह सकता है कि एलियंस का अस्तित्व है भी या नहीं. मगर अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के साइंटिस्ट ने इनके बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है. उनके मुताबिक, एलियंस शायद उस जगह हो सकते हैं, जहां कभी सूर्य नहीं उगता. या ऐसी जगह, जहां गर्म लावा फैल रहा हो.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा साइंटिस्ट रहीं डॉ. लिसा काल्टेनेगे ने ‘द वर्ल्ड्स दैट शुक साइंस’ शीर्षक से लिखी किताब में इसका खुलासा किया है. उन्होंने कहा, हमने 1992 में पहले ग्रह की तलाश की थी. तब से 5000 से ज्यादा एक्सोप्लैनेट की तलाश की जा चुकी है. इनमें से 70 ग्रह ऐसे हैं, जहां जीवन की मौजूदगी लायक चीजें मौजूद हैं. हालांकि, इनमें से कुछ 17,000 प्रकाशवर्ष हैं. यानी इतनी दूर कि अगर मानव निर्मित सबसे तेज रॉकेट सभी कोई जाए तो पहुंचने में 69 लाख वर्ष लग जाएंगे. इसके बावजूद, उस जगह पर एलियंस की पहचान मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है.
.शायद हम उन्हें पहचान न पाएं
डॉ. लिसा ने कहा, एलियंस की तलाश काफी कठिन है. क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि जब वे हमारे सामने हों और हमें घूर रहे हों, तब भी हम उन्हें पहचान न पाएं. वैसे तो प्यूर्टो रिको विश्वविद्यालय की प्लैनेटरी हैबिटेबिलिटी लेबोरेटरी के अनुसार 29 एक्सोप्लैनेट ऐसे हैं, जहां जीवन होने की संभावना काफी ज्यादा है. ये धरती की तरह ही हैं. लेकिन प्रॉक्सिमा सेंटॉरी ऐसी जगह है, जहां एलियंस हो सकते हैं. धरती से 4.25 प्रकाश वर्ष दूर स्थित इस जगह पर सूर्य कभी अस्त नहीं होता, कभी उगता नहीं. यह किसी के रहने लायक सबसे अच्छी दुनिया हो सकती है.
हमेशा टपकता रहता है गर्म लावा
दूसरी जगह, CoRoT-7 b एक्सोप्लैनेट हो सकता है. यह पृथ्वी से 489 प्रकाश वर्ष दूर है, लेकिन इससे हमेशा गर्म लावा टपकता रहता है. इंसानों के लिहाज से देखें तो यह काफी कष्टकारी जगह होगा, जहां जीवन की संभावना न के बराबर है. लेकिन एलियंस की मौजूदगी होने की संभावना यहां भी है. ‘नारंगी बौना’ तारा केपलर-62 पर भी जीवन की संभावना हो सकती है. यह एक्सोप्लैनेट हमारे सौर मंडल से लगभग 980 प्रकाश-वर्ष दूर है