ICMR Warning on Protein Powder: आजकल युवाओं में सलमान खान, टाइगर श्राफ जैसी बॉडी बनाने का क्रेज है. इसके लिए वे जिम में अनाप-शनाप चीजें खाते हैं. इनमें सबसे ज्यादा प्रोटीन पाउडर का लोग इस्तेमाल करते हैं. वहीं अगर शरीर में थोड़ी सी कमजोरी महसूस हुई तो लोग मेडिकल स्टोर से खुद ही प्रोटीन पाउडर उठा लाते हैं और अक्सर इसे दूध में मिलाकर गटकते रहते हैं. यदि आप भी ऐसा करते हैं तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि इससे आपकी हड्डियां भरभरा सकती हैं और गुर्दे भी डैमेज हो सकते हैं. यह बात हम नहीं बल्कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने देशवासियों को चेतावनी देते हुए कही है.
प्रोटीन पाउडर में कैंसर कारक तत्व
वहीं एक अन्य रिसर्च में भी यह पाया गया था कि जिस प्रोटीन पाउडर को आप बड़े चाव से दूध में मिला के पीते हैं, उनमें लेड, आर्सेनिक, कैडमियम और मर्करी जैसे कैंसर कारक टॉक्सिन मिले हुए रहते हैं. इन्हीं सब कारणों से आईसीएमआर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि लंबे समय तक यदि आप प्रोटीन पाउडर पीएंगे तो इससे हड्डियों से मिनिरल्स निकलने लगेंगे जिसके कारण हड्डियां इतनी कमजोर हो जाएंगी ये धीरे-धीरे भरभराने लगेंगी. वहीं इसका ज्यादा सेवन करने से किडनी और हार्ट के डैमेज होने का जोखिम भी बढ़ जाएगा.
बिना लेबल देखें न करें इस्तेमाल
देश में बढ़ रहे मोटापा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसे नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियों के बढ़ते मामले को देखते हुए आईसीएमआर ने लोगों के लिए डायट्री गाइडलाइन जारी किया है जिसमें ज्यादा प्रोटीन पाउडर को गटकने से बचने की चेतावनी दी गई है. आईसीएमआर के मुताबिक हेल्दी लाइफ के लिए कुदरती चीजों का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए और प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए. साथ ही अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड बिल्कुल नहीं खाना चाहिए. पिज्जा, बर्गर, फास्ट फूड, बटर, चीज, एडेड शुगर, आईस्क्रीम, चॉकलेट आदि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड से बनी चीजों का उदाहरण हैं. वहीं मैदा से बनी चीजें भी अल्ट्रा प्रोसेस्ड होती है. आईसीएमआर ने कहा है कि बाजार से आप जो भी चीजें खरीदते हैं, उनके लेबल को सबसे पहले चेक करें और देखें कि उस प्रोडक्ट में क्या-क्या मिला हुआ है. अगर ज्यादा केमिकल या अनहेल्दी चीजों का इस्तेमाल है तो इसका सेवन न करें.
प्रोटीन पाउडर के नुकसान
प्रोटीन पाउडर को लेकर इससे पहले भी कई तरह की रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है इससे सेहत को भारी नुकसान है.
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक प्रोटीन पाउडर में एडेड शुगर, अतिरिक्त कैलोरी और यहां तक कि टॉक्सिक केमिकल मिले हुए रहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पहली बात तो ये कि प्रोटीन पाउडर को किसी भी देश में ड्रग नियामक संस्था से मंजूरी नहीं मिलती. कंपनियां मनमानी तरीके से इसे बनाती है और अनाप-शनाप कुछ भी दावा करती है. इसलिए इसमें किन-किन चीजों का दावा किया जाता है, इसकी कोई गारंटी नहीं होती. रिसर्च करने पर पाया गया है कि कुछ प्रोटीन पाउडर में एडेड शुगर होता है जिसे अगर एक गिलास दूध में मिला दिया जाए तो सिर्फ 23 ग्राम प्रोटीन पाउडर से 1200 कैलोरी तक बन सकती है जो जिससे मोटापा और डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ सकता है.