भोपाल I देश में आगामी समय में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। सन 2023 के होने वाले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की भूमिका आने वाले 2024 के लोकसभा में अप्रत्याशित भूमिका रहेगी, क्योंकि जिस प्रकार से मध्य प्रदेश में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह सहित केंद्रीय मंत्रीमंडल के मंत्री मध्य प्रदेश में लगातार दौरे कर रहे हैं इस पूरे चुनाव में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और ओबीसी की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है इसीलिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश के प्रमुख लीडर इस बात से हैरान और परेशान है कि आदिवासियों का वोट बैंक कैसे कबाड़ा जाए दोनों ही पार्टियों इसको लेकर बेचैन है उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए इसलिए आदि समाज के पार्टी और संगठनों को तोड़कर उन्हें अपने साथ जोड़ने में लगे हुए हैं इसी कड़ी में अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मोनिका वट्टी को भारतीय जनता पार्टी ने विशेष रूप से छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है
और भी कई आदिवासी नेताओं को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जोड़ने में लगी हुई है क्योंकि जिस प्रकार से आदिवासी पार्टियों और संगठनों का मूवमेंट चल रहा है वह आने वाले समय में मध्य प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं सुश्री मोनिका वट्टी को अमरवाड़ा से भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा का जो प्रत्याशी बनाया है उनका अगर हम परिचय दें तो वह अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी से रहे विधायक मनमोहन साह वट्टी की सुपुत्री है, जो एम ए राजनीति शास्त्र के साथ एलएलबी की शिक्षा को भी ग्रहण कर चुकी है और पिछले लगभग 4 साल से अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही है जिनका भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश बहुत ही महत्व रखता है क्योंकि छिंदवाड़ा जिला जो है वहां का प्रतिनिधित्व पिछले 40 साल से मध्य प्रदेश के कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व पर्यावरण मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं क्योंकि छिंदवाड़ा जिले में लगभग 70 से 80 परसेंट आदिवासी और डेहरिया मेहरा समाज के मतदाता वहां है अपने आप को गांधी परिवार का तीसरा बेटा कहने वाले कमलनाथ का अस्तित्व जहां खतरे में दिखाई दे रहा है उससे कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय हाई कमान भी परेशान है,
इसलिए उन्होंने अभी तक एक भी मध्य प्रदेश में प्रत्याशी की सूची जारी नहीं की है वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी का कहना है कि यदि कांग्रेस पार्टी आचार संहिता से पहले ही प्रत्यसियो की सूची जारी कर देती है तो उन पर इनकम टैक्स और ईडी के छापे पड सकते हैं जबकि जांच एजेंसियां कभी भी किसी पर भी सूचना के आधार पर पुख्ता सबूत के साथ रेड डाल सकती है । मतदाता का मूड क्या है यह तो समय के गर्त में है I लेकिन इस बार के विधानसभा 2023 के चुनाव मध्य प्रदेश में बहुत ही महत्व रखने वाला है।