मध्य प्रदेश की राजनीति में भारत सरकार के प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री तथा अन्य केंद्रीय मंत्री मध्य प्रदेश में जिस तरह से अपनी दखल दे रहे हैं उससे ऐसा लगता है, कि मध्य प्रदेश में कोई नेता बचा ही नहीं है I जिसकी साथ मध्य प्रदेश की आवाम के बीच में हो वही कांग्रेस भी दिल्ली की तरफ अपनी निगाहें गला कर बैठी हुई है I
मध्य प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय हवाई जहाज़ मंत्री सिंधिया एवं केंद्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गी प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रभात झा ऐसे मंत्री हैं और नेता है
भारतीय जनता पार्टी के कि जिनके नेतृत्व पर केंद्र को बिल्कुल भी विश्वास नहीं है तभी तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह बार-बार मध्य प्रदेश का दौरा कर रहे हैं मध्य प्रदेश की पूरी चुनावी कमान अपने हाथ में रखे हुए हैं वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की रस्सी डोरी भी केंद्र के हाथ में है सोनिया गांधी उनके पुत्र पुत्री राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश में दखल दिए हुए हैं यदि प्रदेश के नेताओं में दम होता तो दिल्ली से निर्णय नहीं होते देखने में आ रहा है कि मध्य प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों का टिकट एवं कांग्रेस के प्रत्याशियों का टिकट दिल्ली से चयन हो रहे हैं यह प्रदेश के लिए आहत की बात है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मध्य प्रदेश के अंदर नेताओं की कोई औकात बची नहीं है भले ही वह मुख्यमंत्री हो पूर्व मुख्यमंत्री हो राष्ट्रीय नेताओं इससे प्रदेश के नेताओं की गरिमा पर चोट पहुंच रहे है I