( विजय काटकर )
भोपाल I मध्य प्रदेश राजस्थान सहित अन्य राज्यों में महिला मुद्दे को लेकर जो चर्चा देश में चल रही है उससे कई बवाल खड़े हो गए हैं भारत सरकार ने विधेयक बिल पास करवा कर देश में एक मुद्दा बना दिया है प्रदेश और देश की एक दर्जन महिला नेता इस वक्त चर्चा में है, जो सोशल मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है I
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका गांधी, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, मध्य प्रदेश की कद्दावर नेता उमा भारती, सहित एक दर्जन ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने विभिन्न तरीके से मोर्चा संभाल रखा है, मध्य प्रदेश की खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजेश सिंधिया जिनके किस वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में चर्चा का विषय बने हुए हैं
यह सभी महिलाएं किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में बनी हुई है भारतीय जनता पार्टी हो चाहे कांग्रेस हो देश में जो माहौल बना रही हैं उसे वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की राजनीति का भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है महिलाओं का इस तरह कैसे तरीके से हावी हो जाना और बयान देना और अपनी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी के खिलाफ न बोलना यह बड़ा विचित्र लग रहा है जहां वसुंधरा राजे राजस्थान में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ मुलाकात और मंच शेयर कर रही है वही उमा भारती अपनी ही पार्टी के खिलाफ कुछ ना कुछ बोलती रहती हैं और उधर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कद्दावर नेता प्रियंका गांधी, प्रदेश सरकार के साथ-साथ देश की सरकार के खिलाफ भी बोल रही हैं
वही अभी हाल ही में मध्य प्रदेश में टिकट वितरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी की नेता मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है तीन महिलाएं ऐसी हैं जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्य प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे विशेष रुप से चर्चा में बनी हुई है
जिनकी खबरें विगत 15 दिन से प्रदेश ही नहीं पूरे देश में मीडिया के माध्यम से चल रही है अब देखना यह है कि मध्य प्रदेश सहित आन्य प्रदेशों की महिला नेता क्या गुल खिलने वाली है और महिला सशक्तिकरण को लेकर उनका क्या व्यू है यह अभी समय के गर्त में है लेकिन पूत के पांव पालने में दिखने लगते हैं?