American State: पूरी दुनिया में आज सीमाओं को लेकर काफी विवाद चल रहा है. अपनी – अपनी सीमाओं को फैलाने को लेकर के लोग युद्ध स्तर पर उतारू हैं. चीन जैसे देश आस-पास के देशों पर भी अपना दावा करके बवाल फैला रहे. वहीं कुछ जगहों पर भाषा और संस्कृति के आधार पर बंटवारे की लड़ाई हो रही है.
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
Status Of Making a Separate Country in USA: मौजूदा दौर में पूरी दुनिया में सीमाओं को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. अपनी – अपनी सीमाओं को फैलाने को लेकर के लोग युद्ध करने के लिए तैयार हो गए है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण आपको रूस और यूक्रेन वॉर में दिख जाएगा. चीन जैसे देश आस-पास के देशों पर भी अपना दावा करके बवाल फैला रहे हैं. वहीं कुछ जगहों पर भाषा और संस्कृति के आधार पर बंटवारे की लड़ाई हो रही है, जिसमें एक अमेरिका देश भी आता है. अमेरिका में हमेशा से अलगाववादी सक्रिय रहे हैं. कोई भाषा तो कोई नस्ल के आधार पर अलग मुल्क की मांग कर रहा है. सोवियत संघ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में जाना जाता था. मगर इसके बंटवारे होने के बाद से इसकी भी ताकत भी टूट गई.
रूस के बंटने का फायदा सबसे ज्यादा अमेरिका को मिला
रूस देश जब बंटा तो इसका सबसे अधिक फायदा अमेरिका को मिला. सोवियत के भीतर ही भीतर दंगे फसाद होने लगे और आखिरकार तत्कालीन राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव के दौर में देश 15 टुकड़ों में बंट गया. सीमाएं बड़ी होने के अगर कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं, क्योंकि हर सीमाओं पर ढेर सारा कच्चा माल होता है और मैन पावर भी उसकी ज्यादा होती है. यही वजह है कि ज्यादातर देश लंबी चौड़ी सीमाओं पर भरोसा करते हैं. अमेरिका ने भी इसी फार्मूले पर काम किया है. 15वीं सदी में जब क्रिस्टोफर कोलंबस ने इस देश की खोज की थी तो यह देश भी गरीबी और भुखमरी की मार झेल रहा था, लेकिन धीरे-धीरे यह देश सबसे ताकतवर बन गया. सीमा विस्तार के लिए अमेरिका ने कई लड़ाई लड़ी. 19वीं सदी के आखिर तक चलती रही लड़ाई में अमेरिका ने काफी कुछ हासिल कर लिया. मौजूदा स्थिति में अमेरिका में 50 राज्य हैं और सभी ताकतवर हैं. अमेरिका में खास कर नस्ल भेद बहुत ज्यादा है. आए दिन वहां से अमेरिकी अफ्रीकी मूल के लोगों में हिंसा हुआ करती है.
अफ्रीकी लोगों की अलग मांग हुई
60 के दशक में अफ्रीकी मूल के लोगों की आबादी घनी थी. उन्हें अलग राज्य या फिर अलग देश ही बनाने की मांग होने लगी. रिपब्लिक ऑफ न्यू अफ्रीका के समर्थक यह तक कहने लगे कि अमेरिका के बड़े हिस्से में अफ्रीका से आकर लोग बस गए हैं. अब अफ्रीका वापस नहीं लौट सकते हैं तो उन्हें वहीं पर नया देश दे दिया जाए. अमेरिका में अफ्रीकी देशों से लोग किसी तरह से आकर बस गए थे और लंबे समय तक अमेरिका को गुलाम बना कर रखा था. इस दौरान हर काम के लिए गुलामों की खरीद-फरोख्त होती थी और उन्हें अमेरिका भेजना शुरू कर दिया गया था. उस समय अन्य ताकतवर देशों ने भी इसमें हिस्सा लिया था. इसी तरह से अमेरिका में अफ्रीकी लोग धीरे-धीरे बढ़ते चले गए. यही वजह है कि ब्लैक बेल्ट को अलग मुल्क बनाने की मांग आज तक हो रही है.
मोंटाना, नेबरास्का समेत कई अलग देश की कर रहे मांग
मोंटाना, नेबरास्का, नार्थ डकोटा, साउथ डकोटा और व्योमिंग मिलकर भाषा के आधार पर एक देश बनाना चाहते हैं. यहां की बड़ी आबादी लखोटा भाषा है जो कि नेटिव अंग्रेजी से अलग है. साल 2018 में कैलिफोर्निया की सड़कों पर हजारों लोग निकल आए थे जो अपने अलग होने की बात कहते हुए नेशनल डाइवोर्स की मांग कर रहे थे. यह कैलिफोर्निया से जुड़े लोगों का मानना है कि कैलिफोर्निया को कैलिफोर्निया के लोग ही समझ सकते हैं ना कि अमेरिका. इस पर सबका कहना था कि वाशिंगटन सरकार की सोच उन से मेल नहीं खाती है. इसलिए उन्हें अलग देश बनाने दिया जाए. बाद में अमेरिकी इंटेलिजेंस ने आरोप लगाया कि रूस पैसे देकर एनजीओज को भड़का रहा है ताकि अमेरिका को बांटने में कायम रहे.