मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ही खुफिया एजेंसी के डायरेक्टर को तालिबानी नेता से मुलाकात के लिए काबुल भेजा है. इस बातचीत के एजेंडे में अमेरिका नागरिकों का काबुल से रेस्क्यू और सैनिकों की वापसी पर चर्चा होने के संकेत हैं. बाइडेन पहले ही काबुल से अपने नागरिकों को निकालने के ऑपरेशन को काफी चुनौतीपूर्ण और कठिन काम बता चुके हैं.
इन मुद्दों पर डील हो सकती है ?
खुफिया एजेंसी ने इस मुलाकात पर अब कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया है और न ही व्हाइट हाउस की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है. अमेरिका के कई न्यूज चैनल ने इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी है. तालिबान पहले ही साफ कर चुका है कि वह अमेरिका को किसी भी कीमत पर डेडलाइन के बाद अपने सैनिकों की मौजूदगी रखने की इजाजत नहीं देगा.
हाई लेवल मीटिंग में मुल्ला बरादर और सीआईए डायरेक्टर का आमना-सामना हुआ है. जानकारी के मुताबिक काबुल पर कब्जे के बाद यह पहली ऐसी उच्च स्तरीय वार्ता है जिसमें किसी वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने तालिबान से बातचीत की है.
अमेरिका भले ही तालिबान को लेकर ऊपर से सख्त रुख अपना रहा है लेकिन अंदरखाने से उसके मन में कुछ और ही चल रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक तालिबानी नेता मुल्ला बरादर से सीआईए डायरेक्टर विलियम जे बर्न्स ने काबुल में मुलाकात की है. दोनों के बीच सोमवार को हुई इस मुलाकात के बाद किसी तरह की डील होने के संकेत भी मिल रहे हैं.
अमेरिकी सैनिकों की वापसी जारी
हाई लेवल मीटिंग में बरादर और सीआईए डायरेक्टर का आमना-सामना हुआ है. जानकारी के मुताबिक काबुल पर कब्जे के बाद यह पहली ऐसी उच्च स्तरीय वार्ता है जिसमें किसी वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने तालिबान से बातचीत की है. अमेरिका के पास 31 अगस्त तक अपनी सेना को अफगानिस्तान से वापस बुलाने की डेडलाइन है और इसे लेकर तालिबान-अमेरिका की बीच ठनी हुई है
माना जा रहा है कि सीआईए डायरेक्टर ने अमेरिकी नागरिकों के अफगानिस्तान से निकालने के मुद्दे पर ही तालिबानी नेता से चर्चा की है. काबुल एयरपोर्ट में मौजूदा वक्त में भी कई देशों के नागरिक फंसे हुए हैं जो मुल्क छोड़कर जाना चाहते हैं. भारत, अमेरिका समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को वहां से निकाला है बावजूद इसके कई अफगानी नागरिक भी अपना देश छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं.