गोंड समाज महासभा ने मनाया.. बड़े धूमधाम से विश्व मूलनिवासी दिवस

दिनांक 9 अगस्त 2021को सिवनी जिले के तहसील केवलारी अंर्तगत ग्राम बावली में गोंड समाज महासभा सर्किल कमेटी उगली, सेक्टर कमेटी उगली, सरेखा कलां, पांडिया छपारा के समस्त ग्राम कमेटियों सहित गोंड युवा प्रकोष्ठ, गोंडवाना स्टुडेंट युनियन के पदाधिकारियों सगा जनों मातृशक्ति की उपस्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित 9 अगस्त विश्व मूलनिवासी दिवस पर बड़े धूमधाम से मनाया गया।

हुए विविध कार्यक्रम :
सर्वप्रथम समस्त ग्रामों में स्थापित बड़ादेव ठाना,व गोंड राजा दलपतशाह जी की प्रतिमा में पूजा अर्चना कर पदाधिकारी गण ग्राम बावली पहुंचे, जहां से विशाल रैली डीजे साउंड सिस्टम के साथ नारे लगाते रैली ग्राम सोनखारटोला ,सोनखार,सिंदरसी, बावली का भ्रमण करते हुए बड़ादेव ठाना बावली में पहुंची, जहां मंचीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित सगा जनों और आमंत्रित अतिथियों का स्वागत हल्दी-चांवल से तिलक वंदन कर किया गया।

तत्पश्चात कोरोना काल में दिवंगत हुए गोंड समाज महासभा मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों, सगा जनों को दो मिनट का मौन रखकर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई और मुख्यातिथि गोंड समाज महासभा, मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष तिरु बी एस परतेती जी ने विश्व मूलनिवासी दिवस पर अपने विचार रखे, जिन्होंने 9 अगस्त को ही विश्व मूलनिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है के बारे मेें बताया कि मूल निवासीयों के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण के लिए 1982 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक कार्य दल के उप आयोग का गठन किया, जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को हुई थी, UNO ने महसूस किया कि 21वी सदी में विश्व के विभिन्न देशों में निवासरत मूलनिवासियों के अपनी उपेक्षा, बेरोजगारी एवं बंधुआ बाल मजदूरी, अशिक्षा, जैसी आदि समस्याओं से विश्‍व के आदिवासी ग्रसित है।1993 में UNWGIP कार्यदल के 11 वे अधिवेशन में मूलनिवासी घोषणा प्रारुप को मान्यता मिलने पर 1994 को मूलनिवासी वर्ष 9 अगस्त को मूलनिवासी दिवस घोषित किया गया। तब से यह दिवस समारोह के रूप में मनाया जाता है। आगे कहा कि जनजाति समुदाय के सुरक्षा लिए विभिन्न संवैधानिक अधिकार अधिनियम बनाए गए हैं, जैसे 5वी अनुसूची, पेसा एक्ट, वनाधिकार कानून, अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, आदि जिनका पूर्ण रूप से परिपालन नहीं होने से विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ता है और त्वरित कार्रवाई, न्याय नहीं मिल पा रहा है,ये चिंता का विषय है।साथ ही विशिष्ट अतिथि गोंड समाज महासभा जिला कमेटी सिवनी के उपाध्यक्ष तिरु ठाकुर वीरेन्द्रराज सिंह, ग्राम पंचायत बावली सरपंच दुर्गेश खंड़ाते, सरपंच नेवरगांव भोजराम उइके ने भी उपस्थित सगा जनों को संबोधित किया।


कार्यक्रम में प्रमुख रूप से गोंड समाज महासभा ब्लाक कमेटी केवलारी के कार्यवाहक अध्यक्ष महेन्द्र परते,सर्किल कमेटी अध्यक्ष तिरु जगदीश प्रसाद परते, कार्यवाहक अध्यक्ष रवींद्र उइके, उपाध्यक्ष रतन सिंह उइके, घनश्याम ककोड़िया, कोषाध्यक्ष संग्राम सिंह भलावी सेक्टर कमेटी उगली अध्यक्ष तिरु सहतलाल सरुते, कार्यवाहक अध्यक्ष शेर सिंह मरावी, सेक्टर कमेटी कोषाध्यक्ष समन लाल धुर्वे, सचिव रमेश उइके,रामचरन नर्वेती, सेक्टर कमेटीसरेखाकलां सचिव नरेंद्र उइके, सतीश परते, सेक्टर कमेटी पांडिया छपारा अध्यक्ष शाह सिंह उइके, संरक्षक रुपेंद्र उइके सरपंच, ग्राम कमेटी अध्यक्षगण सावन लाल परते, राजकुमार उइके, प्रभु दयाल मरावी, लक्ष्मण उइके, पूनाराम परते, देवी मर्सकोले, श्याम सिंह वल्के समस्त ग्राम से पदाधिकारी गण सहित हजारों की संख्या में मातृशक्ति, पितृशक्ति ,युवा शक्ति, कर्मचारी ,अधिकारी शामिल हुए।

शहर में कलश यात्रा निकालकर सैकडों आदिवासी महिलाओं नेे विश्‍व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम की शोभा बढाई ।

कार्यक्रम को गिरते पानी में सफलता पूर्वक संपन्न कराने में गोंड समाज महासभा युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जगदीश प्रसाद इनवाती, सचिव भरत तेकाम प्रवक्ता अनिल खंडाते,दलपत सिंह मरावी, रंजीत मरावी, शिवशंकर ककोडिया, विशाल ककोडिया, गोंडवाना स्टुडेंट युनियन के विजेंद्र खंडाते,

अखिलेश परते ,मातृशक्ति प्रकोष्ठ के रजनी परते,सोनम ककोडिया, अंजना भलावी, शीला कवरेती, संगीता मरावी,रेखा उइके,निशा खंडाते,शानू उइके, रेखा उइके आदि के नेतृत्व में ग्राम बावली,सिंदरसी,सोनखार,घुरवाड़ा,खैरी,सारसडोल आदि पूरी टीम की अहम भूमिका रही।

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