विदिशा के बारिश के युवा शुभंकर गायकवाड ने आईआईटी के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनी में मिली ₹45000 की सालाना पैकेज को नौकरी को छोड़कर भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर की परीक्षा देकर देश में द्वितीय स्थान हासिल किया है आज के दौर में भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान आईआईटी में चयनित होकर बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करना युवाओं का सपना होता है लेकिन शुभम को का लक्ष्य अपने आप को बेहतर पायलट साबित कर लड़ाकू विमान राफेल को उड़ाना है संघ लोक सेवा आयोग ने एक दिन पहले शुक्रवार को सम्मिलित रक्षा सेवा सीडीएस परीक्षा के नतीजे घोषित किए हैं जिसमें विदिशा के कृषि विभाग में कार्यरत पंकज गायकवाड के बेटे शुभंकर गायकवाड ने वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के लिए पहले प्रयास में ही 6:30 लाख प्रतियोगियों में देश में दूसरा स्थान हासिल किया है शुभंकर बताते हैं कि उन्होंने सीडीएस की परीक्षा इसी वर्ष आईआईटी की अंतिम वर्ष की परीक्षा के साथ ही दी थी उम्मीद नहीं थी कि पहले प्रयास में ही सफल मिल सफलता मिल जाएगी वायु सेना में जाने का सपना बचपन से था जो आज पूरा हो गया है शुभंकर के मुताबिक वे जानते हैं कि वायु सेना में पूरी नौकरी के बाद भी उन्हें कभी इतना वेतन नहीं मिल पाएगा लेकिन वे देश के लिए कुछ ना कुछ करना चाहते हैं जिसमें वह लोगों का प्यार और सम्मान हासिल हो सके वह बताते हैं कि उन्हें हैदराबाद के डिंडीगल में डेढ़ साल का प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा