“क्‍या होगी भारत के भविष्‍य की राजनीति, क्‍या सत्‍ता का परिवर्तन होगा” ?

अभी हाल में हुये पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पडी है क्‍योंकि वेस्‍ट बंगाल में खास तौर से भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोक दी थी इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी को असफलता हासिल हुई इस चुनाव में प्रधानमंत्री श्री मोदी सहित कई मंत्री, सांसद, विधायकों ने बंगाल में हर नाकाफी कोशिश की लेकिन हाथ में जो चाहिए था हासिल नही हुआ ा इस चुनाव ने देश की राजनीति का चेहरा ही बदल दिया है सामायिक और वर्तमान परिस्थितियों में जो राजनैतिक घटनाक्रम हो रहे है उनसे ऐसा लगता है कि भविष्‍य में यदि विपक्षी दल मु्द्दो् को लेेेकर यदि एक ओर सहमत हो जाते है तो आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कुछ हद तक चुनौती मिल सकती है ा

भारत में भारतीय जनता पार्टी के कदम हर दिन आगे बढ रहे है इसके बावजूूद केन्‍द्र की भाजपा की सरकार अपने फैसलों को लेकर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है ा कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी द्वारा कई फैसले लिये गये ा लेकिन इन फैसलों से देश के प्रत्‍येक क्षेत्र के नागरिक देश में परेशान है ा वर्तमान में जो राजनैैैतिक परिस्थितियां चल रही है उससे ऐसा महसूस होता है कि देश की राजनीतिक व्‍यवस्‍था राजधर्म के मार्ग से भटक गयी है फिर भी भारतीय जनता पार्टी के बढते कदमों को रोकने के लिए विपक्षी दल कोई कोर कसर नही छोड रहे है जिनमें प्रमुख राजनैतिक दल काग्रेंस, राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, शिव सेना, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, सीधे सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को उखाड फेकनें के लिए दिन रात एक किये हुये है ा

वर्तमान में कांग्रेस को जो हाल देश में है वह अनिश्‍चय की स्थिति पैदा करता है क्‍योकि पार्टी का वजूद पिछले कई वर्षो में कमजोर हुआ है वही तृणमूल कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी और राष्‍ट्रवादी कांग्रे्स पार्टी ने अपने अपने गढों में अपने आपको जहां बचा रखा है वही वह यदि एकजुट होते है तो विश्‍व की सबसे बडे राजनैैैतिक दल भारतीय जनता पार्टी को आगेे बढने से रोक सकते है ा

देश में लगभग 525 लोकसभा सीटे है वर्तमान में इसमें से भारतीय जनता पार्टी के पास स्‍वंय का पूर्ण बहुमत है तथा उससे संबधित क्षेत्रीय दल के सांसद भी उनके साथ हैै पंजाब के अकाली दल और महाराष्‍ट्र की शिव सेना को को छोडकर ा

पिछले कई दिनों से विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की एक दूसरें से मुुुुुुलाकात का विषय चर्चाओं में बना हुआ है ा शरद पवार इस विपक्षी धुरी के केन्‍द्र बिंदु बने हुये है वही कांंग्रेेस के गुलाम नबी आजाद एवं कमलनाथ ने नरेद्र मोदी से मुलाकात की वही कमलनाथ ने भी शरद पवार से मुलाकात की है तथा ममता बेनर्जी और शरद पवार की भी मुलाकात दिल्‍ली में हो चुकी है किसी ऐजेंडें को लेकर चर्चा हो चुकी है जो आगामी समय में पूर्ण होकर देश के सामने आयेगी फिलहाल मेल मुलाकातो को सिलसिला विपक्षी दलों में बराबर जारी है जो भविष्‍य की राजनीति को प्रभावित करेगा तथा सत्‍ता परिवर्तन का निर्माण भी करेगा चूंंकि पिछले कई वर्षो से प्रदेशो एवंं देश में गठबंधन सरकारों का निर्माण हुआ है ऐसे में भविष्‍य में यदि विपक्षी दल एकमत हो जाते है तो भाजपा नीत केद्र सरकार परिवर्तित हो सकती है जो अभी भविष्‍य के गर्त में है ा

(विजय काटकर)

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