तीनों कृषि कानून के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली में शुरू हुआ किसान आंदोलन गुरुवार को खत्म हो गया केंद्र सरकार की ओर से किसानों की पांच मांगों पर भेजे गए प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा ने सहमति दे दी। प्रस्ताव पर मोर्चे की बैठक हुई जिसमें 200 किसान प्रतिनिधि मौजूद थे इसके बाद मोर्चे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आंदोलन स्थगित करने का ऐलान कर दिया किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि 11 दिसंबर से किसान दिल्ली छोड़ेंगे इसी दिन विजय दिवस मनाते हुए सभी टोल प्लाजा बॉर्डर खाली कर दिए जाएंगे।
पांच मांगी थी 3 पर फैसला हुआ चौथी पर कानून में संशोधन का इंतजार पांचवी पर चर्चा होना बाकी।
1.एमएसपी को कानून दायरे में लाने कमेटी बनाएं सरकार का पक्ष: कमेटी बनाई इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि कृषि वैज्ञानिक केंद्र और राज्य के अफसर होंगे जिन फसलों पर अभी एमएसपी मिल रही है वह जारी रहेगी।
2.आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस वापस हो सरकार का पक्ष: हरियाणा, उप्र,मप्र, उत्तराखंड, हिमाचल की सरकारें राजी है दिल्ली व अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के साथ रेलवे ने जो केस दर्ज किए हैं वह तुरंत वापस होंगे
3.आंदोलन में मृत किसानों के परिजनों को मुआवजा सरकार का पक्ष: इस पर भी उत्तर प्रदेश हरियाणा सहमत है पंजाब की तरह इन राज्यों में भी 500000 का मुआवजा मिलेगा
4.नए प्रदूषण कानून से सेक्शन 15 को हटाया जाए: कानून से सेक्शन 15 हटे गा
5.बिजली संशोधन बिल को फिलहाल रोका जाए सरकार का पक्ष: सरकार अब इस बिल को सीधे संसद में नहीं आएगी इस पर पहले किसानों और संबंधित पक्षों से चर्चा होगी
1 महीने इंतजार फिर अगली रणनीति तय करेंगे
1. 11 दिसंबर को पंजाब के 32 किसान संगठन सिघू, टिकरी गाजीपुर बॉर्डर से एक साथ अपने राज्य तक फतेह मार्च निकालें
2. 13 दिसंबर को अमृतसर में श्री दरबार साहिब से मत्था टेकिंग ए 15 दिसंबर को पंजाब में 113 जगह चल रहे आंदोलन खत्म करेंगे पंजाब से ही 24 दिसंबर 2020 को आंदोलन शुरू हुआ था
3. 15 जनवरी को मोर्चे की बैठक होगी जिसमें केंद्र के बांधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे