भोपाल स्वर्गीय श्रीमती कलावती श्याम भजन ग्राम पटनागढ़ जिला डिंडोरी मध्यप्रदेश में हुआ था उनके पिता का नाम और माता का नाम ललिया भाई से खान बचपन की शादी के 7 वर्ष की उम्र में हुआ था स्वर्गीय कलावती श्याम पहली बार महिला चित्रकार थी जिसने गोल्ड चित्रकला को पहली बार 1980 में पावस और कैनवास पर उतारी थी उस समय भोपाल में बाबू कला केंद्र भारत भवन का निर्माण हो रहा था तब भारत भवन से आदिवासी लोक कलाकारों की खोज करने एक चित्रकारों की सर्वे टीम ग्राम पटनागढ़ जिला डिंडोरी श्री अशोक साठे वीरमदेव एक टेम्बे प्रमुख थे उस समय कलावती सरण की उम्र करीब 16 वर्ष थी और व्याकरण में अपने घर की बकरी चराने का कार्य करती थी उसके साथ स्वर्गीय श्री जनरल सिंह श्याम अंतर्राष्ट्रीय गोंड चतुर्वेदी गाय और बकरी चराने का कार्य करते थे बाद में जब जंगल शाम को भारत भवन चित्रकारी के लिए भोपाल बुला लिया तोकलावती श्याम अपने पति आनंद सिंह श्याम के साथ जबलपुर चली गई वहां 7 साल सोमवार मंगलवार को ट्रेनिंग के बाद भोपाल में जब उनके पति श्री आनंद कुमार श्याम की भी भारत भवन में नौकरी लग गई तब कलावती श्याम जी भोपाल आ गई और जब भारत में प्रथम महिला चित्रकारों का शिविर हुआ तो कलावती श्याम उसमें 1 जून चित्रकार के रुप में सम्मिलित हुए उसके बाद 1986 से निरंतर कलावती श्याम जे. स्वामीनाथ के सानिध्य में ग्राफिक स्टूडियो भारत भवन भोपाल में चित्रकारी का कार्य करती रही स्वयं श्रीमती कलावती श्याम के चित्रों की प्रदर्शनी नई दिल्ली मुंबई चेन्नई बेंगलुरु हैदराबाद चंडीगढ़ इलाहाबाद नागपुर खजुराहो भोपाल अहमदाबाद उदयपुर सूरत इंग्लैंड फ्रांस अमेरिका जापान स्कॉटलैंड जर्मनी स्पेन अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया हाॅलेण्ड पाॅलेण्ड नीदरलेण्ड इत्यादि स्थानों पर प्रदर्शनी लग चुकी है और वह अनेक देशों की यात्रा कर चुकी थी उन्हें भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्कॉलरशिप भी प्राप्त हो चुकी है और अनेकों अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं
स्वर्गीय श्रीमती कलावती श्याम का विगत वर्ष 2020 को 25 नवंबर को आकस्मिक स्वर्गवास हो गया है जिन की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा एवं उनके द्वारा बनाई गई कलाकृतियों का प्रदर्शनी आयोजित की गई ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में श्री नरेंद्र जी के प्रदेश प्रवक्ता गोंडवाना गणतंत्र पार्टी छिंदवाड़ा विशेष रूप से उपस्थित हुए
गोंड चित्रों में समाई प्रकृति दिखाया जीवन मृत्यु का रहस्य
चित्रकार संभव सिंह श्याम ने नेचर पर चित्रों को ओपेरा है एक चित्र में ट्री ऑफ लाइफ को दर्शाते हुए पेड़ पर बैठे वन्य जीव जंतु को दिखाया है चित्र में गर्मी के समय को दर्शाया में जहां पंछी जानवर एवं दूसरे पर निर्भर है कलाबाई श्याम के चित्रों में प्रकृति प्लीज झलक देखने को मिलती है इसमें उन्होंने पेड़ के साथ उल्लू के चित्र को कैनवास पर उकेरा है साथ ही अन्य विभिन्न प्रजाति के पंछी भी मौजूद है
चित्रकार भारतीय श्याम धुर्वे ने क्षेत्र में नेचर को उकेरा है इसमें पंछियों को काले रंग से रात के दृश्य को दिखाया है जहां सभी पंछी एक साथ पेड़ पर आकर बैठे हुए हैं इस चित्र को पेपर पर एक्रेलिक कलर से तैयार किया है इसके अलावा अन्य क्षेत्र में पेड़ की आकृति बनाई जितेन सफेद रंग की मदद से तैयार किया गया है चित्रकार अजय कुमार अंग्रेजी में चित्र में जीवन मृत्यु को दर्शाया है चित्र में उन्होंने सूरज चंद्रमा विवाह का दृश्य खुशहाली आदि को दिखाया है उन्होंने एक्रेलिक कलर्स के माध्यम से चित्र को तैयार किया है