मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हिंदी भवन में डीपीआईपी परियोजना एवं मध्य प्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में कार्य करने वाले सामुदायिक स्रोत व्यक्तियों को मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में दैनिक वेतन भोगी या पंचायत कर्मी के पद पर पदस्थ किए जाने की मांग के संबंध में एक बैठक का आयोजन किया गया इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के लव जो व्यक्ति उपस्थित हुए जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम से एक पत्र भी तैयार कर दिए जाने हेतु मीडिया को जारी करते हुए,
सी आर पी एस संघ के प्रदेश अध्यक्ष शीतला प्रसाद सीताराम प्रजापति ने बताया कि मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री हमारी इस मांग को प्राथमिकता के साथ स्वीकार कर शीघ्र अति शीघ्र हम लोगों को हमारी मांगों को मानकर आदेश जारी करें तथा जिससे सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन हम लोग हृदय से ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कर सरकार का सहयोग कर सकें। श्री सीताराम प्रजापति ने आगे बताया कि हमारे 9 बिंदु हैं जिन पर सरकार को गंभीरता से विचार कर आदेश जारी करने की सरकार हमें अनुग्रहित करें यही हमारी शासन से और मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से अनुरोध है इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री श्री हरिशंकर खटीक विशेष रूप से उपस्थित थे और खाद आपूर्ति निगम के मंत्री श्री प्रदुम सिंह लोधी भी उपस्थित थे।
डी.पी.आई.पी. परियोजना एवं (एन.आर.एल.एम.) म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन में कार्य करने वाले CRP’s(सामुदायिक स्त्रोत व्यक्तियों) को म.प्र. राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन पूर्व हम सभी CRP’s(सामुदायिक स्त्रोत व्यक्यिों) वर्ष 2021 से आज दिनांक तक परियोजना में कार्य कर रहे हैं। हम सभी लोग ग्रामीण परिवेश में रहने वाले व्यक्ति हैं एवं समूहों के परिवार के ही व्यक्ति बेरोजगार युवा महिला एवं पुरूष हैं। दिनांक 01.07.2015 को डी.पी.आई.पी. परियोजना का संविलियन म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजिविका मिाशन (MPSRLM) में किया गया था। इसमें डी.पी.आई.पी. परियोजना में कंसलटेंसी सर्विसेज के माध्यम से कार्य कर रहे सलाहकारों, अधिकारी, कर्मचारी का संविलियन भी संविदा सेवा की तरह म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजिविका मिशन (MPSRLM) में किया गया था। परन्तु हम सभी CRP’s(सामुदायिक स्त्रोत व्यक्यिों) जो परियोजन की मुख्य कड़ी है उनको छोड़ दिया गया जिससे हमारे 20 वर्षो के अनुभव का लाभ मिशन को नहीं मिला था, हम सभी बेरोजगार हो गये है। वर्तमान में हम पृथक-पृथक गतिविधियों (कार्यो) के आधार पर मानदेय दिया जा रहा है जो अत्यंत कम है।