वह भी समाज की हत्या करने के समान हैं। अंधविश्वास से निकलता नहीं न ही दूसरो को निकालने की कोशिश नहीं करता हैं। वह भी समाज की हत्या करने में भागीदारी हैं। आदिवासी समाज की हत्या(मर्डर) हो रहा हैं, अनेक कारण हैं। आदिवासी समाज के व्यक्ति ही आदिवासी समाज की हत्या (मर्डर) करने में 90 प्रतिशत हाथ हैं। 5 प्रतिशत अन्य का होता हैं। 🙏 सामाजिक चिंतक। टी. एस. मरकाम ,सचिव मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद तहसील बिरसा जिला बालाघाट।