परमात्मा की शक्तिशाली दृष्टि जब सुरेंद्र जी के ऊपर पड़ी तो उन्हें ऐसा लगा जैसे ब्रेन से पिघल कर कुछ निकल रहा है। फिर परमात्मा ने उनको गुलाब का फूल दिया और जैसे ही उनके सिर पर लगाया वैसे उनके अंदर शक्ति का संचार हुआ और वह उठकर खड़े हो गए। यह चमत्कार 5000 लोगों ने अपनी आंखों से देखा। उसके बाद ईश्वरीय शक्ति ही उनको चलाने लगी। 17 वर्षों तक उन्होंने स्वस्थ रहकर सेवाएं की। फिर जुलाई 2013 में ब्रेन स्ट्रोक का अटैक आया। जब सीटी स्कैन किया गया तो पाया गया बाएं और अनगिनत ट्यूमर के गुच्छे और दाएं और बड़ा ट्यूमर था। डॉक्टर्स ने कहा इनका मस्तिष्क कभी भी फट सकता है। यह सुनकर भी वह घबराएं नहीं। अपना आत्मविश्वास और मनोबल उन्होंने बनाए रखा। इसके बाद परमात्मा की शक्ति से रोज ढाई बजे उठकर उन्होंने राजयोग मेडिटेशन करना प्रारंभ किया तथा होम्योपैथी की दवाई और प्राकृतिक चिकित्सा लेने लगे। आज भी उनके मस्तिष्क में 100 से ज्यादा ट्यूमर है। प्रतिदिन वह मौत को हथेली पर लेकर चलते हैं और मौत उनसे हारती है। बैद्रद्यनाथ परमात्मा शिव को ही उन्होंने अपना चिकित्सक बना लिया है।