तुर्की में 30 लाख से ज्यादा सीरियाई शरणार्थी हैं और सीरियाई लोगों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत शरणार्थी का दर्जा भी प्राप्त नहीं है। ये सीरिया में राजनीति का मुद्दा बना हुआ है। ऐसे में एर्दोगन इनमें से ज्यादातर लोगों को सीरिया वापस भेजने की कोशिश करेंगे।