सीरिया के गृह युद्ध ने फिर खींचा दुनिया का ध्यान

सीरिया के अलेप्पो शहर में विद्रोही गुटों ने हमला करते हुए एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद से सीरिया में गृह युद्ध फिर से तेज हो गया है। सीरिया में दुनिया के कई देशों का दखल रहा है, इसमें तुर्की भी शामिल है। सीरिया में बदल रहे हालात में पड़ोसी देश तुर्की भी अहम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्गोदन की सरकार सीरिया में मची उथल में अपने देश के लिए भी मौके तलाश रहे हैं। तुर्की की इस नए विद्रोही हमले में भूमिका पर अटलांटिक काउंसिल के शोधकर्ता ओमेर ओजकिजिल्कि का कहते हैं, ‘तुर्की का हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के साथ एक जटिल रिश्ता रहा है। HTS ही वह समूह है, जिसने पिछले हफ्ते सीरियाई सेना पर हमला शुरू किया था। यह समूह लंबे समय तक सीरिया में अल कायदा की शाखा के रूप में काम करता रहा है।

सीरिया में 2011 में जब युद्ध छिड़ा तुर्की ने सीरिया से अपने संबंध तोड़ लिए थे। एर्दोगन ने असद को हत्यारा कहकर उनकी आलोचना की और विद्रोहियों का समर्थन किया। हालांकि 2022 से तुर्की सुलह की कोशिश कर रहे हैं। तुर्की ने सीरियाई राष्ट्रपति असद की मेजबानी करने की भी ख्वाहिश जताई लेकिन असद ने कहा कि बैठक तभी होगी जब तुर्की सेना सीरिया छोड़ देगी।

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