यूक्रेन युद्ध ने कैसे पटरी से उतारी भारत-रूस की डिफेंस डील,

युद्ध ने भारत के साथ रूस के कई प्रमुख रक्षा सौदों को भी प्रभावित किया है। रूस भारत को समय से हथियारों की डिलीवरी करने में नाकामयाब हो रहा है। जिन सौदों में देरी हुई है, उनमें बेहद अहम S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के अलावा युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं। भारत को दो साल की देरी के बाद अगले एक महीने दो मल्टी-रोल फ्रिगेट में से पहला मिलने की उम्मीद है।  यूक्रेन युद्ध की वजह से है। 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से उसकी हथियारों की बिक्री में लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट आई है। रूस के पूरे रक्षा उद्योग को यूक्रेन युद्ध की जरूरतों को पूरा करने के लिए फिर से तैयार होना पड़ा है। यहां तक कि रूस को उत्तर कोरिया और ईरान से मिसाइल, गोला-बारूद और ड्रोन आयात करने पड़े हैं।इसके बाद 2026-27 से पहले किसी अन्य डिलिवरेबल्स आने की उम्मीद नहीं है।

डील के लिहाज से ये भारत को नए साल में मिल जानी चाहिए लेकिन ऐसा होने की कोई उम्मीद नहीं है। पनडुब्बी के 2028 से पहले भारत आने की संभावना नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *