नई दिल्ली: मध्य पूर्व में लगातार तनाव बना हुआ है। इजरायल पर हमास के हमले के बाद गाजा में शुरू हुआ युद्ध अब लेबनान तक पहुंच गया है। इसमें पिछले दिनों ईरान की भी एंट्री हुई जब उसने हिजबुल्लाह के समर्थन में इजरायल पर मिसाइलों की बारिश कर दी। शुक्रवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने संबोधन में इजरायल को खत्म करने की बात कही है। इस पूरे संघर्ष पर भारत की भी नजर बनी हुई है। नई दिल्ली के ईरान और इजरायल दोनों से अच्छे रिश्ते हैं। इन तनाव भरे माहौल के बीच भारत में ईरान के राजदूत ने भारत को धन्यवाद दिया दरअसल, इजरायल और अमेरिका के साथ तनाव में उलझे ईरान की अर्थव्यवस्था संकट में फंसी हुई है। लंबे समय से ईरान ब्रिक्स में शामिल होना चाहता था, जिसका भारत प्रमुख सदस्य है। इस बार ईरान को ब्रिक्स में शामिल कर लिया गया। इसके पीछे भारत का समर्थन प्रमुख वजह था। अब ईरानी राजदूत ने इसके लिए भारत को धन्यवाद दिया है।
भारत के साथ संबंधों पर ईरानी राजदूत ने कहा कि इसका पुराना इतिहास रहा है। हमने भारत के साथ कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। चाबहार केवल एक उदाहरण है। इलाही ने कहा कि ईरान समझता है कि भारत अभी उससे तेल क्यों नहीं खरीद रहा है। लेकिन इसके साथ ही हमारे पास नए सहयोग को स्थापित करने के मौके भी हैं। हम आज भी भारत में भरोसा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि भारत दोनों देशों के मित्र के रूप में संरचनात्मक भूमिका निभाएगा।