हिमालय की चोटियों पर लहराएगी एमपी की तकनीक,

मध्यप्रदेश से निकली वेस्ट मैनेजमेंट की तकनीक अब तक दुनिया के कई देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुकी है। इसको लेकर पर्यावरण संरक्षण में नए आयाम भी स्थापित किए जा रहे हैं। अब इसी तकनीक का फायदा हिमालय की वादियों में पसरे वेस्ट से निजात पाने के लिए किए जाने की कवायद शुरू हो रही है। इसी माह नेपाल में आयोजित होने वाले खास सेमिनार में हिमालय की सरहदों से लगे देश, प्रदेश, शहरों के जिम्मेदार जुटेंगे। इस कार्यक्रम में प्लास्टिक कचरा निपटान के खास तरीकों पर व्याख्यान देने के लिए मप्र की राजधानी भोपाल से ताल्लुक रखने वाले सैयद इम्तियाज अली भी मौजूद रहेंगे। प्लास्टिक कचरा अब वैश्विक समस्या का रूप धारण करती जा रही है। इसको लेकर फिक्र और निदान के कदम भी उठाए जा रहे हैं। समस्या की जद में हिमालय की पहाड़ियों से लेकर इसके तराई वाले इलाके भी आए हैं। इन इलाकों में पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा होने से समस्या यहां तेजी से विकराल रूप धारण करती जा रही है। इस मानवजनित समस्या से निजात पाने के लिए प्रयासों का दौर शुरू हो गया है।

राजधानी भोपाल की स्वयंसेवी संस्था सार्थक से जुड़े सैयद इम्तियाज अली लंबे समय से प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट से जुड़े हुए हैं। उन्होंने प्लास्टिक कचरे से सड़क निर्माण की तकनीक विकसित की है। उनकी इस तकनीक से प्रदेश में इंदौर समेत कई शहरों में सड़कें निर्मित की गई हैं। देशभर में भी कई जगह उसका इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा सैयद इम्तियाज ने अमेरिका, भूटान समेत कई देशों में भी इस तकनीक का प्रेजेंटेशन दे चुके हैं। दुनिया भर से कई देशों के प्रतिनिधि भी यहां आकर इम्तियाज अली से वेस्ट मैनेजमेंट की इस तकनीक पर आधारित अध्ययन कर चुके हैं।

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