लखनऊ। विधानसभा उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी पर अयोध्या के दुष्कर्म मामले को लेकर हो रहे हमले के बीच पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा चुनाव से पहले षड़यंत्र करना चाहती है। उनका लक्ष्य पहले दिन से ही रहा है कि समाजवादियों को कैसे बदनाम किया जाए? खासकर मुसलमानों को लेकर उनकी सोच अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। अखिलेश ने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का नाम लिए बिना कहा कि एक मंत्री चिल्ला रहीं हैं कि आरक्षण खत्म हो गया है। सरकार में रहेंगे और आरक्षण की भी बात करेंगे।
अखिलेश ने कहा, जब कभी भी सपा सरकार आएगी तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। वक्फ एक्ट में संशोधन को लेकर कहा कि बीजेपी मुसलमानों के धार्मिक अधिकार भी छीनना चाहती है। केवल वक्फ बोर्ड ही नहीं मुख्यमंत्री को लगा कि नजूल उर्दू शब्द है तो उनको लगा कि जमीन मुसलमानों के कब्जे में है। वह पूरा प्रयागराज खाली करा रहे हैं, गोरखपुर में उनका अपना स्वार्थ है। एंग्लो इंडियन की लोकसभा और विधानसभा में एक-एक सीट होती थी, उनका प्रतिनिधित्व था। इन्होंने फर्जी जनगणना कराकर उनकी एक सीट भी छीन ली।हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा उनके अनुयायी, परिवार और आसपास के लोग लगाना चाहते थे । भाजपा के लोग बुलडोजर का डर दिखाकर और पुलिस को कार्यकर्ता बनाकर डराना चाहते हैं। वे कामयाब नहीं होंगे।उन्होंने कहा कि हाथरस में प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए। बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। सरकार ने कोई मदद नहीं की। वहीं, दूसरी घटना गोमतीनगर की है। पुलिस ने लंबी सूची दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने केवल यादव और मुस्लिम का नाम क्यों लिया? जिस यादव का नाम लिया है सुनने में आ रहा है वह कैमरे में नहीं था। ऐसे लोग जो कानून का उल्लंघन कर रहे हैं और भाजपा के कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे हैं।