नई दिल्ली। फाइबर सेहत के लिए बहुत ही जरूरी पोषक तत्व है। जिसकी शरीर में कमी सेहत संबंधी कई परेशानियों की वजह बन सकती है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाता है। अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्याओं को जन्म दे रही है। इन सबसे बचे रहने के लिए फाइबर को खासतौर से डाइट में शामिल करें।
फाइबर तीन प्रकार के होते है- सॉल्युबल फाइबर, इनसोल्युबल फाइबर और प्रीबायोटिक फाइबर। ये तीनों ही फाइबर सेहत के लिए जरूरी माने जाते हैं।
- फाइबर के प्रकार
सॉल्युबल फाइबर
इसे घुलनशील फाइबर भी कहा जाता है, जो पानी में आसानी से घुल जाता है। यह धीरे- धीरे पेट से होते हुए छोटी आंत तक पहुंचता है। जिसके चलते पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है और इससे ओवरइटिंग से बचा जा सकता है। वजन कम करने वालों के लिए घुलनशील फाइबर फायदेमंद होता है।]
इनसोल्युबल फाइबर
अघुलनशील फाइबर जिसे इनसोल्युबल फाइबर भी कहते है, ये शरीर में पानी के लेवल को बैलेंस करने और आंतों में मौजूद गंदगी को निकालने का काम करता है। इस तरह के फाइबर के सेवन के साथ-साथ भरपूर मात्रा में पानी पीना भी जरूरी होता है।
प्रीबायोटिक फाइबर
ये फाइबर शरीर में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करते
फाइबर रिच डाइट के फायदे
- भोजन में फाइबर की पर्याप्त मात्रा में पाचन से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं।
- फाइबर रिच डाइट लेने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
- बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
- कब्ज की समस्या नहीं होती।
- फाइबर रिच डाइट वजन कंट्रोल करने में भी बेहद मददगार है।
- हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
फाइबर की अधिकता से होने वाले नुकसान
- शरीर में फाइबर की ज्यादा मात्रा से शरीर जरूरी मिनरल्स को एब्जॉर्ब नहीं कर पाता।
- भोजन में फाइबर की ज्यादा मात्रा से डायरिया की प्रॉब्लम हो सकती है।
- अत्यधिक फाइबर पेट फूलने की वजह भी बन सकता है।
- इससे डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम भी हो सकती है।