लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय परिसर में भृत्य मां अनीशा बेगम के साथ रह रहे मोहम्मद गुलजार ने 8 अक्टूबर को रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। गुलजार ने शिकायत में बताया था कि 26 अगस्त को कार्यालय से तीन कम्प्यूटर चोरी हो गए थे।
मंगलवार की शाम 4 बजे संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में दबिश देकर जेडी, एकाउंटेंट और लेखापाल को 21 हजार की रिश्वत लेते दबोचा। ये रकम कार्यालय में पदस्थ महिला भृत्य से मांगे थे। दरअसल कार्यालय से 26 अगस्त को तीन कम्प्यूटर चोरी हो गए थे। महिला भृत्य से चौकीदारी का काम लिया जा रहा है। चोरी को उसकी लापरवाही बताते हुए विभागीय कार्रवाई का डर दिखा रहे थे।
चश्मा में आरोपी जेडी राम मोहन तिवारी और युवक भृत्य अनीशा बेगम का बेटा मोहम्मद गुलजार।
इसकी FIR बेलबाग थाने में दर्ज कराई गई है। बावजूद जेडी राममोहन तिवारी उसकी भृत्य मां पर कार्रवाई का धौंस दे रहे थे कि उससे सरकारी क्वार्टर खाली करा लिया जाएगा और विभागीय कार्रवाई की जाएगी। ऐसा न करने के एवज में राम मोहन तिवारी द्वारा 21 हजार रुपए मांगे जा रहे थे।
बातचीत को ट्रैप कराया
एसपी ने आरोपी राममोहन तिवारी और महिला भृत्य की बातचीत को ट्रैप किया। 12 अक्टूबर की शाम काे पैसे लेकर राम मोहन तिवारी ने कार्यालय बुलाया था। एसपी के निर्देश पर डीएसपी लोकायुक्त दिलीप झरबड़े, टीआई स्वप्निलदास, टीआई नरेश बेहरा, आरक्षक अमित मंडल, विजय विष्ट आदि भी पहुंच गए।
जेडी राममोहन तिवारी के बयान दर्ज करते हुए लोकायुक्त टीआई स्वप्निल दास।
21 हजार रुपए अनीशा बी के बेटे गुलजार ने एकाउंटेंट अशोक शिवेदी को दिए। अशोक ने ये रुपए सहायक ग्रेड-तीन लेखापाल संतोष भटेले को दे दिए। उसी समय टीम ने दोनों को दबोच लिया। दोनों के बयान के आधार पर राम मोहन तिवारी को पकड़ा।
जेडी सहित तीन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज
डीएसपी दिलीप झरबड़े के मुताबिक जेडी राममोहन तिवारी, एकाउंटेंट अशोक शिववेदी और लेखापाल संतोष भटेले के खिलाफ रिश्वत लेने, पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार निवारण की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। तीनों को मौके पर ही जमानत दे दी गई।