विजय रुपाणी ने क्‍यो दिया इस्‍तीफा, प्रमोशन होगा या हुआ है डिमोशन ? क्‍या हाई कमान थे नाराज ?

विजय रूपाणी

अहमदाबाद । गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणीने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। इस्‍तीफा देने के बाद विजय रुपाणी ने कहा कि बीजेपी की परंपरा रही है कि कार्यकर्ताओं के दायित्‍व बदलते रहते हैं।

गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। अगले साल दिसंबर में गुजरात में चुनाव होने हैं। नए सीएम की दौड में मनसुख मांडविया, नितिन पटेल, सीआर पाटिल, पुरुषोत्तम रुपाला के नाम आगे चल रहे हैं। सूत्र और संकेतो से पता चलता है कि नितिन पटेल हो सकते है गुजरात के मुख्‍यमंत्री और प्रदीप सिंह जडेजा बनाए जा सकते है उप मुख्‍यमंत्री ?

विजय रुपाणी ने शनिवार को राज्‍यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्‍तीफा सौंप दिया। इस्‍तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि अब पार्टी जो जिम्‍मेदारी देगी मैं उसे निभाऊंगा। उन्‍होंने जनता की सेवा करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। रुपाणी ने कहा कि मुझे कार्यकर्ता से सीएम बनाया। अब गुजरात का विकास नए नेतृत्‍व में हो।

क्‍या पार्टी संगठन से चल रही थी अनबन
इस्‍तीफा देने पर विजय रुपाणी ने कहा कि बीजेपी की परंपरा रही है कि कार्यकर्ताओं के दायित्‍व बदलते रहते हैं। लेकिन चर्चा है कि जनता विजय रुपाणी के नेतृत्‍व से खुश नहीं है। हाई कमान ने जनता की राय जानने के बाद यह फैसला लिया। इसी के मुताबिक विजय रुपाणी ने इस्‍तीफा दिया है। इस्‍तीफा देने के बाद रुपाणी ने मीड‍िया से बातचीत में इसकी जानकारी दी। चर्चा यह भी है कि रुपाणी की पार्टी संगठन से अनबन चल रही थी। खासकर बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष के साथ उनके मतभेद सामने आ रहे थे।

पिछले महीने ही किये थे 5 साल पूरे
उत्तराखंड और कर्नाटक में बीजेपी ने इसी तरह से चुनाव से पहले मुख्‍यमंत्री बदले हैं। गुजरात में हुआ परिवर्तन इसी दिशा में अगली कड़ी दिखाई देती है। पिछले महीने ही विजय रुपाणी ने मुख्‍यमंत्री के रूप में पांच साल पूरे किए हैं। साल 2016 में तत्‍कालीन सीएम आनंदी बेन पटेल ने इस्‍तीफा दिया था, उनकी जगह 7 अगस्‍त 2016 को विजय रुपाणी सीएम बने थे।

पार्टी जल्द ही नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करेगी : श्री रूपाणी

इस्तीफे के बाद रूपाणी ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा, “मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष के मार्गदर्शन में पार्टी संगठन में काम करने की अपनी इच्छा के बारे में शीर्ष नेतृत्व को बता दिया है। भाजपा प्रेक्षक यहां (गांधीनगर) आए थे और पार्टी जल्द ही नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करेगी।”

मुख्‍यमंत्री की दौड में है यह नाम

जानकारी के मुताबिक, रूपाणी के इस्तीफे के बाद राज्य में नए मुख्यमंत्री को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। अब तक चार नाम सीएम पद के लिए सामने आए हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, पुरषोत्तम रुपाला राज्य के कृषि मंत्री आरसी फालदू और उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल शामिल हैं। इसके अलावा सीआर पाटिल के नाम की भी चर्चा है। हालांकि, इस संबंध में भाजपा से जुड़े सूत्रों ने कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया।

अमित शाह ने किया था गुरूवार को गुजरात दौरा

गौरतलब है कि गुरुवार रात को ही गृह मंत्री अमित शाह निजी दौरे पर गुजरात के अहमदाबाद पहुंचे थे। एक भाजपा नेता ने दावा किया था कि वे शुक्रवार सुबह ही दिल्ली भी लौट गए। उनके गुजरात पहुंचने पर कोई कार्यक्रम नहीं किया गया, न ही पार्टी या सरकारी स्तर पर उनकी किसी से मिलने की योजना सामने आई।

बीजेपी अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह सब कर रही है : हार्दिक पटेल

गुजरात सीएम विजय रुपाणी ने शनिवार को अचानक इस्‍तीफा देकर सबको चौंका दिया। हालांकि कहा जा रहा है कि बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने उनसे इस्तीफा लिया है। दोपहर को राज्‍यपाल से मुलाकात कर रुपाणी ने अपना त्‍यागपत्र सौंपा। इसके बाद विपक्ष बीजेपी पर हमलावर हो गया है।

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने कहा की बीजेपी अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह सब कर रही है। उन्होंने कहा कि अगले साल गुजरात में चुनाव होने वाला है। चुनाव में लोगों का सामना करना है इसलिए सीएम बदलकर वह लोगों की नाराजगी कम करने का प्रयास कर रहे हैं।

हार्दिक पटेल ने कहा कि सीएम ने गुजरात में कुछ काम नहीं किया। अब एक साल चुनाव के लिए बचे हैं। अगर उन्हें सीएम बदलना था तो पहले बदल देते लेकिन इस समय बदला जब चुनाव के लिए एक साल बचा है। उन्होंने लोगों के गुस्से को कम करने के लिए, उन्हें बरगलाने के लिए सीएम को हटा दिया।

क्‍या पूरा कंट्रोल दिल्‍ली से हो रहा है ?
दूसरी ओर, विजय रुपाणी के इस्‍तीफा देने पर गुजरात के पूर्व मुख्‍यमंत्री शंकर सिंह वाघेला का कहना है कि गुजरात की हालत बहुत खराब है। प्रदेश में बीजपी की हालत भी बहुत खराब है। पूरा कंट्रोल दिल्‍ली से हो रहा है। अब जो भी नया मुख्‍यमंत्री बनेगा, उसका भी कोई मतलब नहीं है। वह दिल्‍ली के इशारे पर ही चलेगा। यहां के सीएम को काम करने का फ्री हैंड नहीं है। वाघेला ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को अंदाजा हो जाएगा कि जनता उससे कितनी नाराज है।

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