गोंडवाना लैंड न्यूज़
उमरिया जिले मे पुरातात्विक अवशेष विखरे पडे है इनका जिले स्तर पर सूचीकरण कर संरक्षण किया जाना चाहिये। जिले छटवी शताब्दी से ले कर सोलहवी शताब्दी के स्मारक गढी किला मंदिर मूर्ती जिले मे जगह जगह अवशेष के रुप मे विखरे पडे है तो कुछ स्थानो पर उनका रुपान्तरण कर नवीन रूप दे दिया गया है और सरकार के उदासीनता के कारण रुपांतरित किये जा रहे है इससे उनका इतिहास और पुरातात्विक हमत्व विलीन हो रहे है यह ऐतिहासिक महत्व के लिये चिन्ता का विषय है ।यंहा पर छटवी शताब्दी मे दक्षिण भारत से चेदि राजवंश का आगमन हुआ जिनके ठहरने से स्थान का नाम चंदिया पडा ऐसी मान्यता है ।इसी राज्यवंश ने उडिसा के उदयगिरी के पहाडों पर भगवान बुद्द के मुर्तियां स्थापित किये और गुफाओं मठों को निर्माण कराया ।यंहा पर चंदिया के समीप पथरहटा गांव मे विशाल बौद्ध मठ का निर्माण कराया था जिसके अवशेष शिला लेख बौद्दकालीन मूर्तियां बिखरे पडे है।बहुत से मूर्तियों को संजोकर स्थानीयजनों ने अलग अलग मंदिर का निर्माण करा लिया । पथरहटा गांव के गली खोरी मे हरघर मे मठ की मूर्तियां है बहुत सारी मूर्तियों को परिवहन कर लोग ले गये। पुरातत्व विभाग जो कुछ करने मे सामर्थ नही है एक बोर्ड लगाकर फुर्सत हो जाता है पथरहटा मे भी ऐसा ही किया है पथरहटा के अतिरिक्त बांधवगढ के किला मे भी बुद्ध प्रतिमा स्थापित है ।किला नीचे बसे गांव बिझरिया मे उसी काल की मूर्तियां बडी तादाद मे विखरी पडी थी उन्हे भी लोग उठा ले गये ।इस गांव के आगे मानपुर के पास कुठुलिया गांव बौद्ध स्तूप खडा है ।
जबकी ज्वालामुखी की पुरातात्विक महत्व के मंदिर का पूरी तरह से कब्हरड कर आधुनिकीकरण कर दिया गया है जिस तरह उमरिया नगर मे स्थित सगरा मंदिर को कर दिया गया है जबकि सर्वविदित है कि अमरकंटक और खजुराहो के पुरातात्विक महत्व के मंदिरों के साथ कोई परिवर्तन नही किया गया है ।इस काल के मंदिरों मे मढीबाग ,चौरी गांव पास स्थित मढी गांव मे स्थित तीन मंदिर मुख्य है । प्राचीन मूर्तियो मे दशरथ घाट मे स्थित मूर्ति चौरी गांव घुनघुटी पंडानटोला मे स्थित मूर्ति विरासनी माता की मूर्तियां टकट्ईगढ झाल खण्ड फूलमती गिंजरी कछरवार गांव की मूर्ति उसीकाल की है । जबकि किला और गढियों मे बांधवगढ का किला अमरपुर की गढी कौडिया की गढी मुडकटिया किला मजवानीकला की ठाकुर बाबा पचमहला सिंहपुर की गढी टकट्ईगढ का किला ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के किला गढी है । इस तरह उमरिया जिले यत्र तत्र सर्वत्र पुरातात्विक अवशेष विखरे पडे है जिन्हे पर्यटन से जोडा जा सकता है ।—-बाला सिंह तेकाम / ०९/०२/२०२२