बांग्लादेश में ISI का नेटवर्क भारत के लिए खतरा हो सकता है, जानिये पुरा मामला,

पाकिस्तान एक बार फिर बांग्लादेश से अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश में लगा है। ठीक उसी तरह जब बांग्लादेश में नेशनलिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लामी सत्ता में थी। इस बार पाकिस्तान का ध्यान मुख्य रूप से व्यापार, संस्कृति और खेल पर है। दोनों ने व्यापार और सांस्कृतिक तथा खेल प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान के जरिए संबंधों को फिर से मजबूत करने पर सहमति जताई। यूनुस और शरीफ ने सार्क को पुनर्जीवित करने की संभावना पर भी चर्चा की, लेकिन यह कदम आगे बढ़ने की संभावना कम है,  लेकिन पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI का नेटवर्क एक बार फिर बांग्लादेश में सक्रिय हो सकता है। ]

ढाका को इस्लामाबाद के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके। यूनुस ने कहा, ‘ये मुद्दे बार-बार आते रहे हैं। आइए हम उन मुद्दों को सुलझा लें ताकि हम आगे बढ़ सकें।’ शरीफ ने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और भारत के बीच 1974 के त्रिपक्षीय समझौते से मामले सुलझ गए हैं, लेकिन अगर कोई अन्य लंबित मुद्दे हैं तो उन्हें उन पर विचार करने में खुशी होगी। 

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