इजरायली सेना ने शनिवार की सुबह ईरान में बमों की बारिश की। राजधानी तेहरान में भी लोगों की नींद धमाकों की आवाज से टूटी। इजरायली सेना के मुताबिक उसने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। वहीं तेहरान का कहना है कि इजरायल के हमलों को नाकाम कर दिया गया। कथित तौर पर ईरान के डिफेंस सिस्टम ने मिसाइलों को रोक लिया। ईरान के मुताबिक इससे लिमिटेड नुकसान हुआ है। इजरायल ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह संघर्षों को और आगे बढ़ाने की गलती न करे।इजरायल ईरान को बड़ा नुकसान पहुंचाना चाहता था। लेकिन अमेरिका ने साफ कह रखा था कि वह ईरान की तेल या न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमला न करे। अमेरिका ने कहा था कि ऐसी स्थिति में वह साथ नहीं देगा। इजरायल के मुताबिक सिक्योरिटी कैबिनेट ने अंत में मिलिट्री साइट्स पर हमले की मंजूरी दी। हमले के बाद भी इजरायल ने जोर देकर कहा कि सैन्य फैसिलिटी पर ही हमला हुआ है।
इस बात की संभावना है कि ईरान भले खुद कुछ न करे लेकिन उसके प्रॉक्सी संगठन बड़ा अटैक कर सकते हैं। अमेरिका ने भी मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए कहा है कि ईरान पर इजरायल के हमलों से हिसाब बराबर हो चुका है। अब दोनों को एक-दूसरे पर हमले बंद कर देने चाहिए। अमेरिका ने ईरान को जवाबी हमले पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है।रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने ईरान पर रात भर में तीन हमले किए। ईरानी मीडिया के मुताबिक आसपास के सैन्य ठिकानों पर कई घंटों में कई धमाकों की खबरें हैं। ईरान पर हमले की जिम्मेदारी लेना इजरायल के लिए असामान्य है। पिछले साल इजरायल पर 7 अक्टूबर के हमले के बाद से ही तनाव बढ़ा हुआ है। IDF के मुताबिक इजरायली वायु सेना ने मिसाइल निर्माण फैसिलिटी पर हमला किया। कथित तौर पर 1 अक्टूबर को ईरान की ओर से इजरायल पर हुए हमले में बनीं मिसाइलों का यहीं निर्माण हुआ था।