भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाओस में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में 10 सूत्री योजना का खुलासा किया। मोदी के 10 प्वाइंट के इस प्लान का उद्देश्य क्षेत्रीय भागीदारों के साथ संपर्क और सहयोग बढ़ाना है। इसमें ब्लॉक के साथ भारत के संबंधों के भविष्य को आकार देने के लिए भौतिक, डिजिटल, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भारत की ओर से ये प्लान ऐसे समय पेश किया गया है, जब चीन अपना दबदबा लगातार बढ़ाता जा रहा है।एक्ट ईस्ट पॉलिसी की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इस नीति के लिए भारत के प्रयासों ने नई दिल्ली और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को बेहतर किया है। उन्होंने कहा कि भारत शांतिप्रिय देश है, जो एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करता है।
जलवायु सुधार की दिशा में 'मां के लिए पेड़ लगाओ अभियान' में शामिल होने के लिए आसियान नेताओं को न्योता देना।ग्रीन हाइड्रोजन पर वर्कशॉप का आयोजन करना।नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्तियों की संख्या को दोगुना करना।आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास निधि के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित करना। साल 2025 तक आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा करना।आपदा प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना, जिसके लिए भारत 5 मिलियन डॉलर उपलब्ध कराएगा।युवा शिखर सम्मेलन, स्टार्ट-अप महोत्सव, हैकाथॉन, संगीत महोत्सव, आसियान-भारत थिंक टैंक नेटवर्क और दिल्ली वार्ता सहित कई जन-केंद्रित गतिविधियों के जरिए एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक का जश्न मनाएं।वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, जिसके लिए भारत संयुक्त गतिविधियों के लिए 5 मिलियन डॉलर उपलब्ध कराएगा।