बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि जातिवाद पूरी तरह खत्म होने तक आरक्षण की व्यवस्था जारी रहना जरूरी है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र में लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद उसने ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया और देश में जातीय जनगणना नहीं कराई। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के विदेश में दिए उस बयान से सतर्क होने को भी कहा, जिसमें उन्होंने एससी-एसटी व ओबीसी आरक्षण खत्म करने की बात कही है।बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर जारी अपने बयान में कहा कि कांग्रेस अब जातीय जनगणना की आड़ में सत्ता में आने के सपने देख रही है। लोग इसके इस नाटक से सचेत रहें क्योंकि यह आगे भी जातीय जनगणना नहीं कराएगी। कांग्रेस के सर्वेसर्वा राहुल गांधी के इस नाटक से भी सतर्क रहें जिसमें उन्होंने विदेश में कहा कि भारत जब बेहतर स्थिति में होगा तो हम एससी-एसटी व ओबीसी आरक्षण खत्म कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को खत्म करने के षड्यंत्र में लगी है।
वहीं, दूसरी ओर उन्होंने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में कहा कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्हें अपना संवैधानिक हक जरूर मिलना चाहिए। राज्य सरकार इस मामले में अपना ईमानदार रुख अपनाए ताकि इनके साथ कोई भी अन्याय न हो।इन वर्गों के लोग कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस घातक बयान से सावधान रहें क्योंकि यह पार्टी केंद्र की सत्ता में आते ही इनका आरक्षण जरूर खत्म कर देगी। ये लोग संविधान व आरक्षण बचाने का नाटक करने वाली इस पार्टी से सजग रहें। सच्चाई यह है कि कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण विरोधी सोच की रही है। केंद्र में रही इनकी सरकार में जब इनका आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया गया तब इस पार्टी से इनको इंसाफ न मिलने की वजह से ही डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।