संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार और भारत की स्थायी सदस्यता के हवाले से कोई खास प्रगति नहीं हो रही है। संयुक्त राष्ट्र में दो पूर्व भारतीय राजदूतों का कहना है कि भारत समेत कई देशों के लगातार प्रयासों के बावजूद यूएनएससी में विस्तार की ओर कदम में नहीं उठाए जा रहे हैं। हालांकि दोनों पूर्व राजदूतों ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को इस दिशा में कोशिश जारी रखनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में इस वर्ष के भविष्य के शिखर सम्मेलन (22-23 सितंबर) में संयुक्त राष्ट्र को ‘रीबूट’ करने की योजना पर चर्चा करने के लिए 150 से अधिक विश्व नेताओं के आने की उम्मीद है।
यूएनएससी के विस्तार की दिशा में ठोस प्रगति के सवाल पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि 2023 के बाद से केवल संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीएन) प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में काम हुआ है। पिछले वर्षों तक ऐसा नहीं था। साथ ही अब एक डिजिटल रिपॉजिटरी भी है, जहां आप अपने प्रस्ताव रख सकते हैं।