वन विभाग की अनदेखी व देखरेख पर सवालिया निशान
तेंदूखेड़ा (दमोह )। जहां एक ओर शासन-प्रशासन जंगल को संवारने और उसकी सुंदरता बनाने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है और जंगलों एवं पेड़ों की देखरेख व सुरक्षा के लिए डीएफओ, एसडीओ, रेंजर सहित बड़ी संख्या में वनकर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र के जंगलो वन विभाग की अनदेखी और देखरेख पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। जहां पर्यावरण पर खतरा मंडरा रहा है और शुद्ध हवा व वातावरण पर खराब असर पड़ रहा है। तेंदूखेड़ा नगर से सटे खकरिया, इमलीडोल के जंगलों की आवो हवा खराब करने के लिए कुछ लोगों द्वारा कई वर्षों से जंगल में मवेशी फेंके जा रहे हैं। उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं है कि उनके इस कृत्य से अन्य लोगों एवं वन प्राणियों के स्वास्थ्य पर क्या असर होगा उनके इस कृत्य पर वन विभाग द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण मवेशियों को जंगल में फेंकने वालों के हौसले बुलंद है। खकरिया बीट में जब हमारी टीम ने पड़ताल की तो पाया कि बीट के अंदर जंगल में बड़ी संख्या में मवेशियों के शव और अवशेष पड़े हुए थे। जिन्हें श्वान और गिद्ध खा रहे थे। आधा किमी का जंगल घूमा तो कई स्थानों पर मवेशियों के पुराने कंकाल व अवशेष मिले थे
मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले लोग परेशान
इस समय उमस एवं गर्मी होने के बावजूद लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मॉर्निंग वाक पर आ-जा रहे हैं। इसी के चलते हैं वे सुबह से घूमने के लिए निकलते हैं, पर इस सैर सपाटे पर बदबू दखल पैदा कर रही है। नगर के समस्त मागों पर सुबह 4 बजे से महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सैर सपाटे के लिए निकलते हैं, पर कई वर्षों से इन मार्गो पर मृत होने वाले मवेशियों को जंगल की वन भूमि पर फेंका जा रहा है। जिससे लगातार सैर सपाटा करने वालों की संख्या में कमी आ रही है। लोगों ने कहा कि सुबह-सुबह की आवोहवा में दुर्गध घुल जाने के कारण बहुत दिक्कत हो रही है। इन दिनों ऐसी स्थिति नगर से खकरिया सहित अन्य मार्गों पर बनी है। नगर से सटे खकरिया इमलीडोल भटरिया मार्ग, नरगुवा मार्ग पर घूमने वालों को परेशानी हो रही है, जबकि इन मागों में सबसे अधिक सुबह घूमने के लिए लोग जाते हैं। हालांकि पहले ऐसी स्थिति नहीं थी, लेकिन अब इस स्थिति के कारण लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंतित हैं
वन विभाग नहीं लगा पा रहा प्रतिबंध
जंगलों में फेंके जा रहे मृत मवेशियों और अन्य जानवरों से जंगल की शुद्ध हवा और वातावरण पर खराब असर पड़ रहा है। जहां एक और लोग गर्मियों के दिनों में शुद्ध हवा के लिए जंगलों में सुबह शाम घूमने जाते हैं तो वहीं इन मृतक मवेशियों की बदबू से लोगों का हाल खराब बना हुआ है। लोगों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण ही लोगों द्वारा जंगल में मवेशियों को फेंका जा रहा है। कई सालों से जंगलों में मवेशियों को फेंकने के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन वन विभाग द्वारा जंगल की देखरेख और सुरक्षा के लिए कोताही बरती जा रही है जिसके कारण लोगों द्वारा जंगल में ही इन मृत मवेशियों को फेंक रहे हैं
लगाया जाए प्रतिबंध
कमल नारायण यादव, राजू साहू, लखन लाल यादव, नन्हाई पहलवान, सुदीप त्रिपाठी, मनीष नामदेव, अंगद सिंह, डॉ. जितेंद्र भदौरिया, गुड्डन सोनी सहित अन्य लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए सुबह सुबह मॉर्निंग वाक जरूरी होती है, लेकिन कुछ लोगों के द्वारा मृत मवेशियों को सुबह घूमने के रास्तों पर अनाधिकृत रूप से फेंका जा रहा है। जिसके कारण हम लोगों की सेहत पर विपरीत असर हो रहा है। वन विभाग की भूमि पर फेंके जा रहा है मृत मवेशीयो को सुबह घूमने के रास्तों पर जहां से वनभूमि शुरू होती है, वहां के जंगलों में बेधड़क होकर इन मवेशियों को फिकवाया जा रहा है। उनका इस प्रकार का कृत्य लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।
कार्यवाही की जाएगी
वन परिक्षेत्र अधिकारी सृष्टि जैन ने कहा कि मैं दिखवाती हूं और कार्रवाई करती हूं। साथ ही जंगल में मृत मवेशियों को फेंकने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएंगी