नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत होती ही सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम मुद्दे पर सरकार को सुना दिया। NEET परीक्षा में धांधली मामले पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने आज साफ-साफ कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने NEET काउंसलिंग रोकने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि नीट परीक्षा में पेपरलीक की शिकायत को लेकर अदालत में एक याचिका दाखिल की गई है। उधर, NTA ने फिर से इस परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है।जस्टिस अमानुल्लाह और जस्टिस विक्रम नाथ ने मामले की सुनवाई करते हुए NTA को इस मामले में नोटिस जारी किया है। जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए। जस्टिस नाथ ने कहा कि हम एनटीए को नोटिस जारी कर रहे हैं, इस बीच एनटीए की तरफ से जवाब दाखिल किया जाएगा। काउंसलिंग शुरू होने दीजिए। कोर्ट ने कहा कि हम काउंसलिंग नहीं रोक रहे हैं। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि इस मामले में एग्जाम की शुचिता प्रभावित होने की बात है और ऐसे में हम एनटीए से जवाब चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए के वकील से पूछा कि उन्हें जवाब देने के लिए कितना वक्त चाहिए। कोर्ट खुलते ही आप जवाब दाखिल करें अन्यथा काउंसलिंग शुरू हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले एनटीए के वकील ने दलील दी कि पहले नीट एग्जाम को चुनौती दी जा चुकी है और 17 मई को चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने नोटिस जारी किया था ऐसे में उसी याचिका के साथ इस याचिका को टैग किया जाना चाहिए। वह याचिका 8 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मौजूदा याचिका की सुनवाई के लिए आठ जुलाई की तारीख तय कर दी।
काउंसलिंग पर रोक नहीं
इससे पहले मंगलवार को मामले की जब सुनवाई शुरू हुई तब याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट मैथ्यू जे नेदुमपारा पेश हुए और कहा कि नीट रिजल्ट के बाद होने वाले काउंसलिंग पर रोक लगाई जाए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नाथ ने कहा कि काउंसलिंग शुरू होने देते हैं हम उस पर रोक नहीं लगाएंगे। लेकिन हम मामले में नोटिस जारी करते हैं और एनटीए जवाब दाखिल करें। इस मामले में याचिकाकर्ता शिवांगी मिश्रा और अन्य 9 की ओर से एक जून को याचिका दायर की गई है। याचिका रिजल्ट घोषित करने से पहले ही दाखिल की गई थी। रिजल्ट सामने आने के बाद अन्य याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई और इस दौरान याचिका में एनटीए द्वारा ग्रेस नंबर दिए जाने और सेंटर विशेष से 67 टॉपर्स का मामला उठाया गया। हालांकि रिजल्ट के बाद की याचिका सुनवाई के लिए मंगलवार को लिस्टेड नहीं था।
याचिका में नीट पेपर लीक होने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं शिवांगी और अन्य की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि नीट का पेपर लीक हुआ है और इस तरह पांच मई को हुए एग्जाम की शुचिता पर संदेह पैदा हो गया है ऐसे में इस एग्जाम को कैंसल किया जाए और दोबारा एग्जाम कराया जाए। याचिाककर्ताओं की ओर से कहा गया है कि एग्जाम में कदाचार हुआ है और पेपर लीक की कई घटनाएं याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में आया है। पेपर लीक होना अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है क्योंकि इससे कई कैंडिडेंट्स को एडवांटेज मिलता है। एग्जाम कैंसल करने की याचिका में गुहार लगाई गई है।
इससे पहले सुनवाई की शुरुआत में एडवोकेट जे साई दीपक की ओर से मामला उठाया गया और कहा गया कि नीट रिजल्ट को चुनौती दी गई है। तब जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि आप नई अर्जी को रजिस्ट्री के सामने मेंशन करें और यह चीफ जस्टिस के जरिये सुनवाई के लिए लिस्ट होगा। इस दौरान वकील ने कहा कि काउंसलिंग पर रोक लगाई जानी चाहिए क्योंकि वह स्टार्ट होने वाला है। तब फिर जस्टिस ने कहा कि आप रजिस्ट्री के सामने मसला उठाएं। इस दौरान वकील ने कहा कि नीट रिजल्ट को चुनौती वाली उनकी याचिका को पहले से लिस्ट की गई याचिका के साथ ही टैग कर दिया जाए। इसके बाद जस्टिस नाथ ने कहा कि इसके लिए भी आपको रजिस्ट्री के सामने मेंशन करना होगा
नीट परीक्षा में मनमाने तरीके से ग्रेस का आरोप
10 जून को याचिकाकर्ता ने कहा था कि इस तरह से ग्रेस दिया जाना अवैध और मनमाना है और यह अनुच्छेद-14 और 21 का उल्लंघन है। साथ ही अर्जी में कहा गया है कि एग्जाम ऑफलाइन हुआ था और ऐसे में कितने वक्त जाया हुए इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। साथ ही नीट एग्जाम में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि नीट यूजी 2024 रिजल्ट को वापस लिया जाए और दोबारा एग्जाम लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया है कि नीट एग्जाम में मनमाने तरीके से ग्रेस दिया गया है और यह बैकडोर एंट्री का इंतजाम है। साथ ही कहा गया है कि सेंटर विशेष के 67 स्टूडेंट टॉपर हुए हैं। मामले की एसआईटी जांच की गुहार लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित एक और याचिका 17 मई को दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम रिजल्ट पर रोक लगाने से इनकार किया था। इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने याचिकाकर्ता की अर्जी पर प्रतिवादी को नोटिस जारी किया था और सुनवाई के लिए जुलाई की तारीख तय कर दी थी।