गाजा। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बार इजरायली सेना ने मध्य गाजा पट्टी में नुसीरात शिविर में एक स्कूल को निशाना बनाया है। इस हवाई हमले में कम से कम 39 फिलिस्तीनी की मौत हुई है और दर्जनों लोग घायल बताए जा रहे हैं। 39 फिलिस्तीनी में से ज्यादातर बच्चे और महिलाएं थीं। एक समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली लड़ाकू जेट ने कम से कम तीन कक्षाओं पर कई मिसाइलों से हमला किया। इस स्कूल में सैंकड़ों फिलिस्तीनी शामिल थे। वहीं एपी की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना का कहना है कि उसने गाजा पट्टी में एक स्कूल के अंदर ‘हमास परिसर’ पर हमला किया।हमास की तरफ से संचालित गाजा सरकार के मीडिया कार्यालय ने स्कूल पर इजरायल के हमले को भयानक नरसंहार बताया और इसकी निंदा की। वहीं हमले को लेकर कहा जा रहा है, इजरायली सेना, ‘नागरिकों के खिलाफ किए गए नरसंहार के अपराध का स्पष्ट सबूत है।’
इजरायल ले हमले की जिम्मेदारी
कार्यलय ने आगे कहा कि, इजरायल और अमेरिका जो मानवता को खतरे में डालते हैं, उन्हें इन हमलों की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कार्यलय के मुताबिक,ये दोनों देश अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं। बता दें कि इजरायल पक्ष की तरफ से इस घटना पर अभी कोई जवाब सामने नहीं आया है।
मोसाब हसन यूसुफ ने दिया बयान
इस बीच हमास के सह-संस्थापक शेख हसन यूसुफ के बेटे मोसाब हसन यूसुफ का भी एक बयान सामने आया। ग्रीन प्रिंस के नाम से जाने वाले मोसाब ने कहा, ‘फिलिस्तीन इजरायल के विनाश पर निर्भर करता है। उन्होंने आगे कहा, यदि फिलिस्तीन की कोई परिभाषा है, तो इसका अर्थ होता इजरायल का विनाश।’ साथ ही उन्होंने ये भी कहा, अगर हम इस्लाम से नहीं लड़ते हैं तो इस दुनिया पर खतरा है।