IAS Kartik Jivani: वह 2017 में अपने पहले अटेंप्ट में असफल रहे. हालांकि, तीन साल तक कड़ी मेहनत करने के बाद, कार्तिक अपने दूसरे अटेंप्ट में यूपीएससी परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने में सफल रहे.
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
UPSC Success Story: गुजरात कैडर के सूरत में जन्मे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी का यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को पास करने का शानदार रिकॉर्ड है. यूपीएससी सीएसई 2020 में ऑल इंडिया रैंक 8 लाने के बाद, वह गुजरात राज्य से सर्वोच्च रैंक प्राप्त करने वाले व्यक्ति बन गए. कार्तिक जिवानी आईएएस बनना चाहते थे. उनकी जिद थी की आईएएस ही बनना है. इसके लिए उन्होंने 4 बार यूपीएससी एग्जाम दिया.
12वीं क्लास पूरी करने के बाद, कार्तिक ने जेईई परीक्षा पास की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग आईआईटी मुंबई में एडमिशन ले लिया. कॉलेज में अपने चौथे साल में, कार्तिक जिवानी ने एक सिविल सेवक के रूप में अपना करियर बनाने का फैसला किया और 2016 में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
वह 2017 में अपने पहले अटेंप्ट में असफल रहे. हालांकि, तीन साल तक कड़ी मेहनत करने के बाद, कार्तिक अपने दूसरे अटेंप्ट में यूपीएससी परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने में सफल रहे. उन्होंने एआईआर 94 हासिल की, जिससे आईपीएस अधिकारी के रूप में सेलेक्शन हुआ.
जबकि ज्यादातर इस शानदार रिजल्ट के लिए तैयार हो गए होंगे, आईपीएस-ट्रेनी दो रैंक से आईएएस पद मिलने से चूक गए थे. इसके बाद फिर से परीक्षा देने का फैसला किया. उन्होंने अगले साल फिर से परीक्षा दी और दस रैंक की चढ़ाई करते हुए एआईआर 84 पर पहुंच गए. इसके बाद भी रुके नहीं. कार्तिक जिवानी ने 2020 की यूपीएससी परीक्षा के लिए हैदराबाद में एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपने प्रशिक्षण से दूर रहने का फैसला किया.
कार्तिक के पिता के मुताबिक, आईपीएस-ट्रेनी 15 दिनों के विशेष अवकाश के दौरान परीक्षा में शामिल हुए. एग्जाम क्रैक करने के लिए, कार्तिक जिवानी ने 10 घंटे की पढ़ाई शुरू की और अपनी यूपीएससी की ज्यादातर तैयारी रात में की. कार्तिक पहले भी कह चुके हैं कि उन्होंने हार्ड वर्क की जगह स्मार्ट वर्क को चुना. उन्होंने कई जगहों और किताबों से गाइडेंस लिया.