दिल्ली में आज नगर निगम के मेयर के लिए चुनाव होने थे. वहीं आप के पार्षदों ने हंगामा कर दिया, जिसके बाद हालात बिगड़ गए. इसके बाद मेयर के चुनाव को टालना पड़ गया.
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत के दौरान कहा कि आज एमसीडी सदन के अंदर जिस तरह की तस्वीरें देखने को मिली वह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय हैं. ऐसी तस्वीरों की अपेक्षा न दिल्ली सरकार को थी न दिल्ली की जनता को, लेकिन जिस तरह से भाजपा ने गुंडागर्दी पर उतरकर सदन की परंपरा को बदलने की कोशिश की है. उसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2017 में भी एमसीडी में सरकार बना चुकी है. भारतीय जनता पार्टी खुद बताएं क्या उसने सदन में पहुंचकर सबसे पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाई थी या फिर जनता द्वारा चुने गए नवनिर्वाचित पार्षदों को. इसके अलावा बीजेपी खुद बताएं कि जो पीठासीन नियुक्त किया जाता है वह सदन का सबसे वरिष्ठ पार्षद होता है या नहीं.
इस नियम को भी बीजेपी ने एलजी के साथ मिलकर दरकिनार कर दिया. इसके अलावा बीजेपी ने जो लिस्ट एलजी को सौंपी उस लिस्ट को ध्यान में रखते हुए चोर दरवाजे से 10 पार्षद मनोनीत कर दिए गए, जबकि नियम यह है कि दिल्ली सरकार द्वारा यह फाइल भेजी जाती है, जिस पर एलजी संतुष्टि देते हैं, लेकिन एक के बाद एक नियमों की अवहेलना की गई. गोपाल राय ने कहा कि हद तो तब हो गई जब जनता द्वारा चुने गए पार्षदों को दरकिनार कर मनोनीत पार्षदों को शपथ दिलाई जाने लगी. हमने इसका विरोध आज भी किया और आगे भी करेंगे.
गोपाल राय ने कहा सदन में हंगामे के दौरान कुछ पार्षदों को चोटें भी आई हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी उम्मीद हम लोगों को नहीं थी, फिलहाल उनका उपचार कराया जा रहा है. वहीं उन्होंने बीजेपी द्वारा अपने पार्षदों का एमएलसी कराने पर उन्होंने कहा कि हम जो भी प्रक्रिया है उसको जरूर अपनाएंगे.
सिसोदिया ने भाजपा पर साधा निशाना
वहीं इस मामले को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि MCD में अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए और कितना गिरोगे भाजपा वालो! चुनाव टाले, पीठासीन अधिकारी की गैरकानूनी नियुक्ति, मनोनीत पार्षदों की गैरकानूनी नियुक्ति और अब जनता के चुने पार्षदों को शपथ न दिलवाना. वहीं उन्होंने कहा कि अगर जनता के फैसले का सम्मान नहीं कर सकते तो फिर चुनाव ही किसलिए?
वहीं कंझावला केस का जिक्र करते हुए कहा कि सड़क पर घसीटकर बेटियों को मारने से लेकर सदन में विपक्ष के नेताओं को लहूलुहान करने तक. इन्हें हत्या, मारपिटाई और गुंडागर्दी के अलावा कुछ आता है या नहीं